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किसान कल्याण: 70 पर भारी छह वर्ष

रिपोर्ट-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

कृषि कानून के विरोध में दिल्ली सीमा पर आंदोलन चल रहा है। विपक्षी पार्टियां भी अपने को किसान हितैषी दिखाने के लिए इस आंदोलन के समर्थन में आ गई। लेकिन ऐसा लगता है कि अब यह दांव उल्टा पड़ रहा है। केंद्र और प्रदेशों की भाजपा सरकारों को अवसर प्रदान किया है। ये सरकारें अपनी कृषि संबन्धी उपलब्धियां बता रही है।

इसी के साथ वह यह भी बता रही है कि कृषि कानून पर विपक्ष भ्रम फैला रहा है। इन कृषि कानूनो में किसानों से कुछ भी छीना नहीं गया है। बल्कि उनको अधिकार व विकल्प प्रदान किये गए है।

किसान कल्याण मिशन

किसान कल्याण कार्यो के क्रम में योगी आदित्यनाथ ने किसान कल्याण मिशन का शुभारंभ सरोजिनी नगर में किया। उन्होंने विपक्ष की पूर्ववर्ती सरकारों पर हमला बोला। कहा कि पहले केवल किसानों के नाम पर राजनीति होती रही। आज भी विपक्ष का हंगामा राजनीति से प्रेरित है। इसमें किसानों के हित की कोई भावना नहीं है।

किसानों के हित में बनाये गए कृषि कानूनो का विरोध किया जा रहा है। इनके ये किसान केवल वोट की बिसात पर राजनीति का मोहरा है। किसान हाशिये पर रहा। जबकि नरेंद्र मोदी की नीतियों के कारण ही किसान मुख्य धारा में शामिल हुआ। यही कारण है कि पीएम फसल बीमा योजना के माध्यम से कोई भी किसान लाभ ले सकता है। पीएम कृषि सिंचाई योजना के माध्यम से हर फसल को पानी मिल रहा है।

यूपीए में 8 वर्ष लम्बित रही स्वामीनाथन रिपोर्ट

कांग्रेस सहित यूपीए की अन्य पार्टी किसानों की दुहाई दे रही है। लेकिन सत्ता में रहते हुए इन्होंने किसानों के हित में कुछ नहीं किया। स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने की जिम्मेदारी यूपीए पर थी। लेकिन उसने अपनी कार्यशैली के अनुरूप इसको लम्बित रखा। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसको लागू किया। पहली बार किसानों को सर्वाधिक डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया गया।

पीएम किसान सम्मान निधि के माध्यम से किसान को छह हजार सालाना मिल रहा है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले छह वर्षों जैसी प्रगति पिछले सत्तर वर्षों में हुई होती तो अब तक किसानों का आय दो गुनी हो जाती। लेकिन पिछली सरकार लापरवाह रही। यही कारण है कि नरेंद्र मोदी को किसान की आय दोगुनी करने का लक्ष्य निर्धारित करना पड़ा। उसी के अनुरूप कदम उठाए जा रहे है।

किसान कल्याण के तीन वर्ष

योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार द्वारा तीन वर्ष में किसानों की भलाई हेतु उठाये गए कदमों के उल्लेख किया। कहा कि अब किसान आमदनी को लेकर तेज़ी से बढ़ रहा है। यह कार्यक्रम भी उसी किसान कल्याण को आगे बढाने के लिए हो रहा है। तीन वर्ष पहले सरकार बनने पर पहला कैबिनेट निर्णय ही किसान ऋणों को माफ करने का था। इस कार्य को जलशक्ति विभाग ने भी आगे बढ़ाया है। किसानों के लिए बड़े बड़े कार्यक्रम तेज़ी से चल रहे हैं। किसान को खेती पशुपालन व कृषि सम्बन्धी शासन की योजनाओं से अवगत कराया जाएगा। किसान कल्याण केंद्र किसानों को एक ही स्थान पर सारी सुविधाएं उपलब्ध करने के लिए ही चल रहे हैं।

पशुपालन पर ध्यान

भारत में प्राचीन काल से ही कृषि व पशुपालन के बीच समन्वय रहा है। वर्तमान सरकार ने पुनः इस ओर ध्यान दिया है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश व प्रदेश तेज़ी से प्रगति की ओर बढ़ रहा है। कई लोगों को ये अच्छा नही लग रहा है। पहली बार खुरपका मुंहपका आदि रोगों के लिए भी टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

दुधारू पशुओं के दुग्ध कार्यक्रम की दिशा में अनेक कदम उठाए गए है। इससे पशुपालकों को लाभ हो रहा है। प्रदेश के 2 करोड़ 35 लाख किसान पीएम कृषि सम्मान योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। बुंदेलखंड की महिला स्वयंसेवी समूह का दुग्ध उत्पादन समिति का टर्नओवर ही दी करोड़ सालाना हो रहा है। प्रत्येक ग्राम पँचायत स्तर पर ही गोदाम बनाने की योजना है। तब किसान आसानी से संरक्षण कर सकते है। फसलों को समय पर बाजार पहुंच सकते हैं। कम पानी में बेहतर खेती के उद्देश्य के लिए भी इस कार्यक्रम के तहत आगे बढ़ेंगे।

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