राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने काशी में किसानों के साथ संवाद किया था। तब उन्होंने कहा था कि वह किसान की बेटी है। कृषि से संबंधित समस्त समस्याओं की उन्हें जानकारी है। उन्होंने कहा था कि केंद्र व प्रदेश सरकार किसानों की भलाई के लिए अनेक योजनाओं का संचालन कर रही है। किसनों को उनका लाभ उठाना चाहिए। जिससे उनकी आय दो गुनी तक बढ़ाना संभव होगा। काशी यात्रा के दूसरे दिन भी आनन्दी बेन पटेल ने कृषि के संबन्ध में उपयोगी विचार व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि शोध संस्थाओं में विकसित कृषि तकनीकी व शिक्षा लैंब से लैंड तक पहुंचाई जाए। काशी विद्यापीठ के भैरव तालाब परिसर में प्रति वर्ष करीब पौने दो सौ छात्र दाखिला ले रहे हैं। इनके घरों पर जमीन होगी उसमें यह छात्र विश्वविद्यालय से प्राप्त ज्ञान व तकनीकी का प्रयोग अपने अभिभावकों के माध्यम से कराएं और गांव के दूसरे लोगों को भी बताएं। राज्यपाल ने काशी विद्यापीठ के कृषि विज्ञान एवं तकनीकी संकाय भैरो तालाब परिसर के लोकार्पण समारोह को सम्बोधित किया।
उन्होंने महात्मा गांधी का स्मरण किया। कहा कि महात्मा गांधी जी के नाम पर यह विश्वविद्यालय उनकी सोच की फलीभूत करने का माध्यम हो। गांधीजी ग्रामीण विकास के पक्षधर थे। गांव के विकास से देश का विकास होगा। गांव के छोटे छोटे किसानों को नई तकनीकी सिखाई जाए। कृषि व पशुपालन सबसे ज्यादा रोजगार देती है।
ऑर्गेनिक कृषि पर बल
आनंदीबेन पटेल ने ऑर्गेनिक खेती पर बल दिया। कहा कि उत्पादकता बढ़ाने की होड़ में अंधाधुंध फर्टिलाइजर, केमिकल के प्रयोग से उत्पन्न अनाजों से कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी होने लगी। पहले कंपोस्ट खाद प्रयोग होती थी। अब किसान फिर ऑर्गेनिक खेती की ओर बढ़ रहे हैं। इसमें कम लागत आती है,पहले एक दो वर्ष के बाद उत्पादन भी अच्छा होने लगता है। पराली जलाने से प्रदूषण होता है। सरकार ने इसकी कंपोस्ट बनाने की विधियां किसानों को बताई है। ड्रिप इरिगेशन अच्छी सिंचाई विधि है। सरकार इसमें अनुदान भी देती है। उन्होंने कहा कि अब लड़कियां भी कृषि व पशुपालन के क्षेत्र में आगे आ रही हैं।
वृद्धजनों को राहत
आनंदीबेन पटेल ने वाराणसी जनपद स्थित केंद्रीय कारागार निरीक्षण किया गया। उन्होंने केन्द्रीय कारागार में स्थापित शहीद चन्द्रशेखर आजाद की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के स्मृति स्तम्भ के विषय में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि वृद्ध कैदियों की चिकित्सा सुविधा हेतु जेल में दो ई-रिक्शा की व्यवस्था की जाय। जो राजभवन के व्यय भार पर इस कार्य में उपयोग किये जायेंगे। आनन्दी बेन पटेल ने गौशाला का निरीक्षण किया। वह गौसेवा में सहभागी हुई। राज्यपाल ने कारीगरों के उत्पाद का अवलोकन किया।
राहत सामग्री का वितरण
राज्यपाल ने राजभवन के दैनिक श्रमिकों तथा आउटसोर्सिंग कर्मियों को कम्बल तथा फल एवं सब्जी वितरित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वितरित की गयी फल एवं सब्जियां पूर्णरूप से जैविक विधि से तैयार की गयी हैं,जो पौष्टिकता से भरपूर हैं।