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खाद-बीज के बाद अब पानी संकट से जूझ रहे किसान

नसीराबाद/रायबरेली। विकास खंड छतोह के कुकहा, लखापुर, परैया नमकसार, छतोह, रायपुरटोड़ी, गोपालपुर, बिरनांवा आदि गांवों की सिंचाई का मुख्य साधन नहर ही है। किसानों ने खेत में गेंहू आदि फसलों की बुवाई कर दी है। अब गेंहू सरसों आदि फसलों की सिंचाई करनी है।लेकिन नहरे अभी तक सूखी पड़ी है। जो किसी अतिरिक्त खर्च के इधर-उधर से सिंचाई करते है। जिन किसानों के पास ट्यूबवेल या पम्पिंग सेट नहीं है। उनकी फसलों सिंचाई के लिये लेट हो रही है।रामपुरकलां क्षेत्र में नहर ही सिंचाई का मुख्य साधन है।

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इस समय नहरो की सिल्ट सफाई हो रही है।तथा सिंचाई विभाग के अफसर दस दिसम्बर तक पानी छोड़ने का दवा कर रहे थे। लेकिन अभी भी नहरों की सिल्ट सफाई का कार्य चला रहा है। किसानों ने गेहूं चना मसूर अरहर सरसों आलू गन्ना आदि फसलों की बुआई कर ली है। पौधे निकल आये है। लेकिन पानी अभी तक नही आया है।

तेज धूप से खेतों की नमी भी कम पड़ती जा रही है। ऐसे मे सभी गेंहू और सरसों मटर की फसलों में बहुत तेजी से पानी लगने की आवश्यकता है। नहरों में पानी नहीं आने से सिंचाई नही हो पा रही है। कुछ किसान अपने निजी संसाधनो से सिंचाई तो कर ले रहें है,लेकिन जिन किसानों के पास निजी संसाधनों की व्यवस्था नहीं है। वह किसान नहरों में पानी का इंतजार कर रहे हैं।वहीं सिंचाई विभाग के अफसरों का कहना है कि कुछ नहरों में सिल्ट का कार्य भी हो रहाहै। इसलिये नहरों में पानी नहीं छोड़ा गया है। सिल्ट का कार्य पूरा होने पर पानी नहरों में छोड़ दिया
जाएगा।

रिपोर्ट-दुर्गेश मिश्रा

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