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लखनऊ। संयुक्त किसान मोर्चा के आवाहन पर आज (26 मार्च) यहाँ एनएच 56 सुल्तानपुर रोड स्थित अर्जुन गंज फ्लाईओवर पर चक्का जाम करने की कोशिश की गई।
भारी पुलिस बल की मौजूदगी के चलते काफी नोकझोंक के बाद प्रधानमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन में तीनों कृषि कानून रद्द करने, कृषि उपज पर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गारंटी देने, डीजल,पेट्रोल, रसोई गैस और रासायनिक खाद कु कीमत आधी किए जाने की मांग की गई है।
इस सम्बंध में लखनऊ जिला मीडिया प्रभारी करन गुप्ता (बीरू) का कहना है कि दिल्ली में यूपी बॉर्डर गाजीपुर, सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर आदि विभिन्न जगहों पर किसान आंदोलनरत हैं। साथ ही भारत के तमाम राज्यों के विभिन्न हिस्सों में अलग अलग तरीके से किसान आंदोलन कर रहे हैं किसानों की बड़ी-बड़ी महापंचायते हो रही हैं। जिसमें लाखों की संख्या में किसान एकत्रित हो रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के अधिकतर किसान दिल्ली में जमे हुए हैं। आज इस आंदोलन को लगभग 4 महीने पूरा होने को है। लेकिन सरकार किसानों की मांगों की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है। मीडिया प्रभारी का कहना है कि आंदोलन के दौरान लगभग 300 से ज्यादा किसानों की शहादत हो चुकी है।
किसानों का कहना है कि सरकार से 11 दौर की वार्ता के बाद भी अभी तक कोई समाधान नहीं निकाला जा सका।जगह जगह पर सरकार के मंत्रियों का विरोध हो रहा है। यह तीनों कृषि बिल किसानों के खिलाफ हैं, कृषि क्षेत्र को समाप्त करने वाले हैं और कारपोरेट जगत को बढ़ावा देने वाले हैं।
किसानों ने कहा है कि डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस, रसायनिक खाद आदि रोजमर्रा की उपयोग में आने वाली वस्तुओं के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इससे आम आदमी का जीवन यापन करना बड़ा ही दुर्लभ होता जा रहा है। करोना काल में (लॉकडाउन) के कारण भी आर्थिक स्थिति बहुत ही कमजोर हो चुकी है और यह महंगाई कमर तोड़ रही है जिससे आम व्यक्ति का जीवन खतरे में है।
किसान आंदोलन के दौरान प्रमुखरूप से जिला अध्यक्ष सरदार गुरमीत सिंह, जिला महामंत्री दिलराज सिंह, महिला नगर अध्यक्ष माना सिंह, नगर महामंत्री विनीत यादव, ब्लॉक अध्यक्ष बद्री प्रसाद रावत, ब्लॉक अध्यक्ष खन्ना लाल, ब्लॉक अध्यक्ष घनश्याम, रवि प्रकाश सैनी, रमेश रावत सहित सैकड़ों की संख्या में किसान उपस्थित रहे।