हर घर की रसोई में सौंफ उपलब्ध होती है। बचपन से हमने सुना है कि सौंफ शरीर के लिए फायदेमंद हैं। डॉक्टर्स की मानें अगर सही समय, सही मात्रा में सौंफ खाई जाए तो यह एक-दो नहीं अनगिनत बीमारियों की रोकथाम में कारगर है। आज हम आपके लिए यही जानकारी लेकर आएं है। आइए आपको बताते हैं कि आपको सुबह खाली पेट से लेकर रात में डिनर तक सौंफ को अपने खानपान में कैसे उपयोग करना है।
रात में पीसी हुई सौंफ (मोटी) या कुछ दाने पानी में भिगोकर रखें (आधा चम्मच)। सुबह खाली पेट इस पानी को पीना है। अगर दाने हैं तो उसे चबाकर खा लें। इससे जल्दी वजन घटाने में मदद मिलती है। पाचन क्रिया बेहतर होती है। पेट में एसिडिटी नहीं बनती। इसके अलावा पेट की गैस, खट्टी डकार आना तथा खाना पचने में होने वाली समास्याओं से निजात मिलती है।
दोपहर के खाने के बाद आधा चम्मच सौंफ (पतली) माउथ फ्रेशनर का काम करती है। मुंह की बदबू भगाने के अलावा यह खाना पचाने में मदद करती है। डॉक्टर बताते हैं कि सौंफ में फाइबर, मैग्नीशियम, पोटेशियम और कैल्शियम होता है। जो वसा को कम करने और हार्ट संबंधी विकारों में लाभदायक होता है।
एक्स्पर्ट तो यहां तक मानते हैं कि सौंप का नियमित सेवन शरीर में कैंसर बनने से रोकता है। सौंफ में मिलने वाले एनेथोल कंपाउंड में कैंसर फाइटिंग प्रॉपर्टीज होती है। महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर और लिवर कैंसर में सौंफ रामबाण औषधि के रूप में काम करती है। सौंप में मौजूद विटामिन-सी और क्वेरसेटिन शरीर में सूजन कम करने में मदद करती है। सौंफ के दाने चबाने से सलाइवा में पाचक एंजाइम बढते हैं। ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रहता है। इसमें मौजूद पोटेशियम ब्लड प्रेशर और हर्ट रेट को कंट्रोल रखता है। रात में खाना खाने के बाद आधा चम्मच सौंप (पतली) खा सकते हैं। इसके अलावा घर में सब्जी (सीताफल, आचार, करेला,सुखी सब्जी) चाय में भी सौंफ (मोटी) के गिनती के 8-10 दाने डाल सकते हैं।