विश्व फुटबॉल की सर्वोच्च संचालन संस्था फीफा ने पिछले हफ्ते एक बड़ा कदम उठाते हुए अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) को निलंबित कर दिया था। फीफा ने इसके पीछे एआईएफएफ में तीसरे पक्ष द्वारा गैर जरूरी दखल का हवाला दिया था।सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को निर्देश दिया कि अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के कामकाज के संचालन के लिए नियुक्त तीन सदस्यीय प्रशासकों की समिति को बर्खास्त माना जाए।
समिति के अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश ए आर दवे थे।न्यायमूर्ति डी वाय चंद्रचूड और ए एस बोपन्ना ने 28 अगस्त को होने वाले चुनाव एक सप्ताह के लिये स्थगित कर दिये हैं ताकि मतदाता सूची में बदलाव और नामांकन प्रक्रिया की शुरूआत हो सके।
सुप्रीम कोर्ट ने फीफा से बातचीत के बाद पूर्व आदेश में बदलाव की खेल मंत्रालय की अपील पर यह आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा एआईएफएफ के चुनाव के लिए सीओए के द्वारा नियुक्त चुनाव अधिकारी उमेश सिन्हा और तपस भट्टाचार्य को अदालत द्वारा नियुक्त माना जाएगा।
पीठ ने कहा कि एआईएफएफ चुनाव के लिये मतदाता सूची में प्रदेश और केंद्रशासित प्रदेश संघों के 36 प्रतिनिधि होने चाहिये जैसा कि फीफा ने मांग की है। न्यायालय ने फीफा से बातचीत के बाद पूर्व आदेश में बदलाव की खेल मंत्रालय की अपील पर यह आदेश दिया।