• छूटे हुए पाँच वर्ष तक के बच्चों व गर्भवती का होगा टीकाकरण
• तीन चरणों में चलेगा अभियान, तैयारियां पूरी-सीएमओ
वाराणसी। जनपद में सात अगस्त से सघन मिशन इंद्रधनुष- 5.0 शुरू होगा। तीन चरणों में चलने वाले इस टीकाकरण अभियान में शून्य से पांच वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों को नियमित टीके और गर्भवती को टीडी के टीके लगाए जाएंगे। इसका पहला चरण सात अगस्त से शुरू होकर 12 अगस्त तक चलेगा, दूसरा चरण 11 से 16 सितंबर तक तथा तीसरा चरण 9 से 14 अक्टूबर तक चलेगा अभियान की तैयारियां पूरी कर ली गयीं हैं।अभियान में 15112 बच्चों व 2508 गर्भवती के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने यह जानकारी गुरुवार को पत्रकारों को दी। सीएमओ ने बताया कि जनपद में प्रत्येक बुधवार और शनिवार को नियमित टीकाकरण सत्र चलाया जा रहा है। इसके बावजूद किन्हीं कारणों से कई बच्चे व गर्भवती टीकाकरण से छूट जाती हैं। इसी को लेकर सघन मिशन इंद्रधनुष 5.0 अभियान तीन चरणों में चलाया जायेगा।
इसका पहला चरण सात अगस्त से दूसरा चरण सितंबर और तीसरा चरण अक्टूबर में चलाया जाएगा। इस अभियान में नियमित टीकाकरण से छूटे हुये बच्चों और गर्भवती को टीकाकरण से आच्छादित करने पर विशेष जोर दिया जाएगा।सीएमओ ने बताया कि अभियान के मद्देनजर समस्त अधीक्षक व प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वह अभियान में उच्च जोखिम, मलिन बस्तियों, दूरदराज के क्षेत्रों पर विशेष जोर दें। साथ ही आशा कार्यकर्ता के माध्यम से घर पर जाकर सर्वेक्षण (हेड काउंट सर्वे) कराया गया है।
टीकाकरण से छूटे हुए पाँच वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती को चिन्हित कर उनका टीकाकरण सुनिश्चित कराया जायेगा। सीएमओ ने कहा कि टीकाकरण बच्चों व गर्भवती को गंभीर बीमारियों के साथ ही टीके से रोकी जा सकने वाली जन्मजात बीमारियों की जटिलताओं से बचाता है। इससे बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। उन्होंने अपील की कि सभी परिजन जन्म से लेकर पाँच वर्ष तक के सभी बच्चों और गर्भवती का टीकाकरण समय से कराएं।
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जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डीआईओ डॉ एके मौर्या ने बताया कि अभियान के तहत टीकाकृत किए गए बच्चों और गर्भवती के कवरेज की एंट्री ई कवच पोर्टल पर की जाएगी। टीकाकरण सत्र हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, वीएचएसएनडी सत्र, निजी चिकित्सालयों में भी आयोजित किए जाएंगे। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार (आईसीडीएस) विभाग सहित महिला आरोग्य समिति और नगर निगम का भी सहयोग लिया जाएगा। अभियान में “पाँच साल, सात बार छूटे न टीका एक भी बार” पर जोर दिया जाएगा।अभियान में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), यूनिसेफ, यूएनडीपी, टीएसयू संस्था का तकनीकी सहयोग लिया जाएगा।
11 बीमारियों से बचाता है टीका
सीएमओ ने बताया कि टीकाकरण 11 प्रकार की बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है। इनमें टीबी, पोलियो, हेपेटाइटिस बी. डिप्थीरिया, टिटनेस, मीजल्स, परट्यूटिस (काली खांसी), रूबेला, निमोनिया, वायरल डायरिया, हीमोफिलस इंफ्लुएंजा टाईप बी से बचाने के टीके शामिल हैं।
टीके की डोज सही समय पर जरूरी
सीएमओ ने बताया कि टीके की डोज सही समय पर जरूरी होती है। इस पर सभी को ध्यान देना चाहिए। उन्होंने बताया कि बच्चे के जन्म पर बीसीजी, हेपेटाइटिस बी एवं पोलियो की जीरो डोज लगती है। बच्चे के डेढ़ महीने के होने पर पेंटावैलेट प्रथम, ओपीवी प्रथम एफआईपीबी प्रथम, रोटा प्रथम एवं पीसीवी प्रथम डोज लगती है। बच्चे के ढाई महीने के होने पर पेंटावेलेट द्वितीय, ओपीवी द्वितीय और रोटा द्वितीय डोज लगेगी।
बच्चे के साढ़े तीन महीने के होने पर पेंटाबेलेट तृतीय, ओपीवी तृतीय, एफआईपीबी द्वितीय, रोटा तृतीय एवं पीसीबी द्वितीय डोज लगेगी। बच्चे को नौ से बारह महीने की उम्र में एमआर का पहला टीका, पीसीवी और विटामिन ए दिया जाता है। 16 से 24 माह की उम्र में बच्चे को एमआर द्वितीय डोज, डीपीटी प्रथम बूस्टर, ओपीवी बूस्टर डोज के अलावा विटामिन ए हर छह माह पर पांच साल तक दी जाती है। बच्चे को पाँच वर्ष की उम्र पूर्ण होने पर डीपीटी बूस्टर दूसरी डोज लगेगी। बच्चे को 10 एवं 16 साल की उम्र में टीडी का टीका लगता है। उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान चार सप्ताह के अन्तराल पर टीडी के दो टीके लगाये जाते हैं।
रिपोर्ट-संजय गुप्ता