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मेरठ के 15 गांवों में बाढ़ जैसे हालात, लोगो को करना पड़ रहा काफी परेशानी का सामना, आपदा प्रबंधन लगातार सतर्क

गंगा नदी का जलस्तर कम होने के बाद भी मेरठ के हस्तिनापुर के खादर क्षेत्र की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। बिजनौर बैराज और गंगा नदी का जलस्तर एक लाख 50 हजार क्यूसेक रह गया है, जबकि हरिद्वार बैराज से गंगा नदी का जलस्तर घटकर 78 क्यूसेक रह गया है।

हस्तिनापुर क्षेत्र में फतेहपुर प्रेम गांव स्थित गंगा के दाहिने किनारे का बांध टूट जाने के कारण जलभराव की स्थिति हो गई है। 24 घंटे में ग्राम हरिपुर, चामरोद, भागुपुर परसापुर हंसापुर, शिरजेपुर, दबखेडी, फतेहपुर प्रेम, रठौरा कलां, हादीपुर गावड़ी, लतीफपुर, किशनपुर खादर गांवों को जाने वाले संपर्क मार्ग पर एवं खेतों में जलभराव हो गया।

प्रशासन का दावा है कि ग्राम कुन्हैड़ा, बामनौली, रुस्तमपुर, भीकुण्ड तक जाने वाले सम्पर्क मार्ग पर अब जलभराव नहीं है। शनिवार को गंगा नदी का जलस्तर कम होने के बाद भी निचले इलाकों में पानी भरा है। खादर के इलाके में फसलें नष्ट होने की प्रबल संभावना है। वहीं संपर्क मार्गों पर भी कई-कई फीट पानी अब भी बह रहा है, जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

हालांकि टूटे तटबंध से निकलने वाले पानी ने पूरे खादर क्षेत्र को अपनी जद में ले रखा है। गंगा के जलस्तर से 15 गांवों में अब भी बाढ़ की स्थिति गंभीर है। एडीएम वित्त व जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी सूर्यकांत त्रिपाठी ने बताया कि प्रशासन हस्तिनापुर के खादर क्षेत्र को लेकर लगातार सतर्क है। आठ गांव को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। क्षेत्र में आवश्यक व्यवस्था की जा चुकी है।

 

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