विदेश मंत्री एस. जयशंकर सोमवार को दो दिवसीय दौरे पर पनामा सिटी पहुंचे यहां उन्होंने पनामा शहर के सिनको डे मायो चौक पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की उसके बाद राष्ट्रीय नागरिक सुरक्षा प्रणाली के लिए काम करने वालों और भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात की।
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डॉक्टर जयशंकर ने कहा कि भारतीय समुदाय के लोग दोनों देशों के बीच सेतु के रूप में रह रहे हैं। उन्होंने पनामा के राष्ट्रपति नितो कॉर्टिज़ो से भी मुलाकात की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से बधाई दी। विदेश मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के ‘पंच प्रण’ के साथ कॉर्टिजो की प्रतिबद्धता हमारे ग्लोबल साउथ भावना को मजबूती प्रदान करती है।
मीडिया को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत और पनामा के बीच आपसी सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की गई। साथ ही भारतीय फार्मास्यूटिकल्स को पनामा में स्थापित कराने को लेकर भी बातचीत हुई। जयशंकर ने कहा पिछले तीन वर्षों में भारतीय फार्मेसी ने दुनिया में एक बदलाव किया है। कोविड में हमने टीकों की आपूर्ति की और अधिकांश विकसित देशों को दवाइयां सप्लाई की हैं।
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विदेश मंत्री जयशंकर ने भारत-लैटिन अमेरिका व्यापार कार्यक्रम में मुख्य भाषण दिया उन्होंने 10 ऐसे महत्वपूर्ण कारणों को साझा किया जो व्यावसायिक सहयोग में मजबूत संभावनाओं पर केंद्रित थे, भाषण में उन्होंने कहा 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में, दुनिया भर में हमारी उपस्थिति लगातार बढ़ रही है। भारत में मैन्युफैक्चरिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर, इनोवेशन और स्टार्टअप कल्चर में बदलाव गेम चेंजर हैं। 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर के करीब भारत-लैटिन अमेरिका व्यापार में काफी विविधता है।
निवेश में महत्वपूर्ण वृद्धि और खनन, ऊर्जा, कृषि और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में रुचि इसे और शक्ति प्रदान करेगी। भारत में लंबे समय से प्रतीक्षित सुधारों ने रिकॉर्ड भारतीय निर्यात को बढ़ावा दिया है। लैटिन अमेरिका एक आकर्षक बाजार है। भारतीय प्रतिभा और कौशल आज दुनिया को कार्यस्थल के रूप में देखते हैं। स्किल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और नई शिक्षा नीति जैसी पहलें इसका हिस्सा हैं।
रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी