दिल्ली। पूर्व मुख्यमंत्री आैर राजस्थान के पूर्व राज्यपाल मदनलाल खुराना का शनिवार की रात निधन हो गया, वो 82 वर्ष के थे। दिल्ली के कीर्तिनगर स्थित अपने आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली। सन 1947 में 12 साल की उम्र में बंटवारे के दौरान दिल्ली आए मदनलाल खुराना ने रिफ्यूजी कैंप में लोगों की खूब सेवा की। पीएम नरेंद्र मोदी ने उनके निधन के बाद ट्वीट करते हुए लिखा कि मदनलाल खुराना जी दिल्ली में बीजेपी को मजबूत करने के लिए आपको हमेशा याद किया जाएगा। मैं आैर मेरी संवेदनाएं आपके परिवार और उनके समर्थन के साथ हैं।
Shri Madan Lal Khurana Ji will always be remembered for the manner in which he strengthened the BJP in Delhi. He made unwavering efforts towards serving the post-partition refugees in Delhi. My thoughts and solidarity with his family and supporters.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 28, 2018
अंगद की तरह खड़े नजर
15 अक्टूबर, 1936 को फैसलाबाद (लायलपुर,पाकिस्तान) में जन्में मदनलाल खुराना ने एक एक सफल राजनीतिज्ञ के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई। जब कभी भी भारतीय जनता पार्टी के पैर राजधानी दिल्ली में उखड़े तो वो पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ रामायण के अंगद की तरह खड़े नजर आये। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को मजबूत स्थिति में लाने के लिए अगाध मेहनत किया।
मदनलाल खुराना सन 1959 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ के महासचिव चुने गए। वो 1965 से 1967 तक जनसंघ के महासचिव भी रहे और 02 दिसंबर 1993 से 26 फरवरी 1996 तक दिल्ली के मुख्यमंत्री भी बने। 14 जनवरी 2004 से अक्तूबर 2004 तक करीब नौ माह तक वो राजस्थान के राज्यपाल भी रहे। इसके बाद राज्यपाल पद से इस्तीफा देने के बाद दोबारा दिल्ली की राजनीती में सक्रीय होने के प्रयास में जुट गए लेकिन बढ़ती उम्र और ख़राब स्वास्थ्य ने उनका साथ नहीं दिया।