मुरादाबाद। रामपुर की पूर्व सांसद और मशहूर अभिनेत्री जयाप्रदा ने अभद्र टिप्पणी मामले में बृहस्पतिवार को कोर्ट में पेश होकर अपने खिलाफ जारी वारंट निरस्त कराए। अदालत ने बीस हजार रुपये के निजी मुचलके पर वारंट निरस्त करने की मंजूरी दी। साथ ही, अदालत ने दूसरे पक्ष को 17 फरवरी को जिरह पूरी करने का निर्देश दिया।
अदालत ने स्पष्ट किया कि यदि तय तारीख पर जिरह पूरी नहीं हुई तो आरोपियों की जमानत रद्द कर दी जाएगी। यह मामला 2019 के लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद रामपुर के कटघर क्षेत्र स्थित मुस्लिम डिग्री कॉलेज में आयोजित एक सम्मान समारोह से जुड़ा है।
इस कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर के पूर्व सांसद आजम खां, मुरादाबाद के सपा सांसद डॉ. एसटी हसन, आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम, सपा नेता फिरोज खां, मोहम्मद आरिफ और पूर्व चेयरमैन अजहर खां सहित कई नेता शामिल हुए थे। आरोप है कि इस दौरान जयाप्रदा पर अपमानजनक और अभद्र टिप्पणियां की गईं।
इस मामले में रामपुर निवासी मुस्तफा हुसैन ने सभी नेताओं के खिलाफ केस दर्ज कराया था। मामले की सुनवाई एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीश एमपी सिंह की अदालत में चल रही है।
अदालत में पेश हुईं जयाप्रदा, वारंट निरस्त
विशेष लोक अभियोजक मोहनलाल विश्नोई ने बताया कि जयाप्रदा ने अदालत में हाजिर होकर अपने खिलाफ जारी वारंट को निरस्त करने के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। अदालत ने इस प्रार्थना को स्वीकार करते हुए बीस हजार रुपये के निजी मुचलके पर वारंट निरस्त कर दिया।
17 फरवरी को जिरह पूरी करने का निर्देश
अभियोजन पक्ष के अनुसार, इस मामले में आरोपी फिरोज और अजहर की ओर से जयाप्रदा से जिरह होनी बाकी है। वहीं, आजम खां, डॉ. एसटी हसन, मोहम्मद आरिफ और फिरोज खां की ओर से अदालत में सुनवाई स्थगित करने का आवेदन दिया गया।