शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि तालाब से अवैध कब्जा हटवाने की बात कहने पर पूर्व प्रधान ने उन लोगों को हरिजन एक्ट में फंसाने की धमकी दे रहा है, ताकि वह लोग जिस रास्ते से निकलने वालों पर प्रतिबंंध लगा सके।
- Published by- @MrAnshulGaurav
- Friday, April 08, 2022
औरैया। तहसील क्षेत्र के ग्राम अली मे पूर्व प्रधान समेत दो अन्य लोगों ने सरकारी तालाब भूमि पर अवैध कब्जा कर लिया है। अवैध कब्जे को हटवाने के लिए ग्रामीणों ने तहसीलदार से लेकर जिलाधिकारी से शिकायत की है। शिकायत के बाद मौके पर पैमाइश हुई, लेकिन अवैध कब्जा अभी तक नहीं हटा है।
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क्षेत्र के गांव एलिमेंट गांव से सटा हुआ गाटा संख्या 288 पर 28 डिसमिल का सरकारी तालाब है। तालाब की 17 डिसमिल भूमि पर गांव के ही पूर्व प्रधान देशराज राकेश और रामसेवक ने अतिक्रमण कर आवास बना लिया है। गांव के निवासी बृजेश कुमार राम शंकर, भानु प्रताप सुरजीत सिंह, रवि सिंह, सुनील, मदन सत्यम सिंह, आदि ने 29 मई 2021 को मुख्यमंत्री पोर्टल पर और 31 मई व 4 जून को तहसीलदार एवं बाद में जिला अधिकारी को लिखित शिकायत पत्र देकर तालाब भूमि से अवैध कब्जा हटवाने की मांग की ग्रामीणों ने बताया कि शिकायत पत्र दिया है।
शिकायत-पत्र दिए जाने के बाद, तत्कालीन तहसीलदार ने राजस्व निरीक्षक लेखपाल और थानाध्यक्ष को आदेश दिया कि तालाब भूमि की पैमाइश कर अवैध कब्जा को हटवाया जाए। इसके बाद राजस्व निरीक्षक और लेखपाल ने मौके पर जाकर पैमाइश की, लेकिन अवैध कब्जा अभी तक नहीं हटवाया जा सका।
शिकायतकर्ता बृजेश कुमार ने बताया उनके घर पास में 28 डिसमिल भूमि पर बने सरकारी तालाब पर पूर्व प्रधान समेत दो अन्य लोगों ने कब्जा कर मकान बना लिया है, जिससे क्षेत्रफल मात्र 10 डिसमिल ही बचा है। बृजेश कुमार ने कहा है कि वह मुख्यमंत्री पोर्टल समेत जिला अधिकारी और तहसीलदार से भी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अवैध कब्जे नहीं हटाए जणे का आरोप लगाया, बल्कि कार्रवाई के लिए पैसों की मांग की जा रही है।
विपिन कुमार ने कहा कि तालाब पर अवैध कब्जा से उनके मकान के पीछे का दरवाजा बंद हो गया है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि तालाब से अवैध कब्जा हटवाने की बात कहने पर पूर्व प्रधान ने उन लोगों को हरिजन एक्ट में फंसाने की धमकी दे रहा है, ताकि वह लोग जिस रास्ते से निकलने वालों पर प्रतिबंंध लगा सके। शिकायतकर्ताओं की मांग की है कि पूर्व प्रधान द्वारा तालाब पर किए गए कब्जे को तत्काल हटवा कर चाहर दीवारी का निर्माण कराया जाए।
रिपोर्ट- अनुपमा सेंगर