बढ़ती महंगाई की मार झेल रहे पश्चिमी देश जर्मनी के कर्मचारियों ने वेतन बढ़ोत्तरी की मांग पर 24 घंटे की सामूहिक हड़ताल बुलाई है। पहले दिन सोमवार को हड़ताल की वजह से जर्मनी में रेल सेवा, हवाई सेवा और अन्य यात्री सेवाएं ठप हो गईं।
करीब 30,000 कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से सबसे ज्यादा असर हवाई अड्डों, लंबी दूरी के रेल यात्रा,ट्राम सर्विस, मेट्रो, बसों और बंदरगाहों पर दिखा। वहां सबकुछ ठप रहा और लोगों को मजबूरन घरों में कैद रहना पड़ा। मजदूर यूनियन वेर्डी और ईवीजी के यूनियनों द्वारा बुलाई गई इस सामूहिक हड़ताल से आम जन-जीवन अस्त-व्यस्त रहा।
मजदूर यूनियन वेर्डी के बॉस फ्रैंक वर्नेके ने सरकारी मीडिया फीनिक्स से कहा, “ऐसा श्रमिक संघर्ष जिसका आमजन पर कोई प्रभाव नहीं पड़े, वह बेकार होता है।” उन्होंने स्वीकार किया कि हड़ताल से कई दैनिक यात्रियों और छुट्टी मनाने वालों को परेशानी होगी “लेकिन एक दिन की परेशानी मजदूरों द्वारा झेली जा रही रोजाना की परेशानी से बेहतर है क्योंकि इससे वेतन बढ़ोत्तरी के लिए समझौते की संभावना है।”
वेर्डी करीब 25 लाख कर्मचारियों और ईवीजी 2.3 लाख कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करता है। वेर्डी मासिक वेतन में 10.5 फीसदी जबकि ईवीजी 12 फीसदी की बढ़ोत्तरी की मांग कर रहा है।
जर्मनी के 16 राज्यों में एक जैसा नजारा है। स्कूल, कॉलेज या दुकान और दफ्तर जाने के लिए लोगों को या तो साइकिल, स्कूटर, कार या टैक्सी का सहारा लेना पड़ा है या उन्हें सड़कों पर टैक्सी के लिए लंबे समय तक संघर्ष करना पड़ रहा है।