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हो जायें सावधान अगर आप भी Paytm का कर रहें इस्तेमाल, जानें क्यों…

अगर आप भी पैसे के लेनदेन के लिए ऑनलाइन पेमेंट एप पेटीएम का इस्तेमाल करते हैं तो सावधान हो जाइए, क्योंकि पेटीएम के नाम पर ऑनलाइन फ्रॉड का नया गोरखधंधा चल रहा है। ऐसा ही एक मामला आया है दिल्ली के आरकेपुरम से बीते 16 अक्टूबर को केंद्रीय विद्यालय आरकेपुरम के प्रिंसिपल अवधेश दुबे के एक्सिस बैंक के खाते से पांच लाख और एसबीआई के खाते से ढाई लाख रुपए निकाल लिए गए।

दरअसल अवधेश दुबे एक नए ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार हुए हैं, जिसके केंद्र में पेटीएम है। पेटीएम के नाम पर उनके साथ किसी जालसाज ने यह पूरी धोखाधड़ी की है। पेटीएम के नाम पर हो रही है धोखाधड़ी सिर्फ अवधेश दुबे तक सीमित नहीं है। नोएडा में एक निजी कंपनी में काम करने वाली मोमिना अपने पेटीएम वॉलेट का पासवर्ड भूल गई। इसके बाद उन्होंने पेटीएम हेल्पलाइन पर फोन किया। ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले व्यक्ति ने मोमिना से एक थर्ड पार्टी ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा। यह ऐप डाउनलोड होते ही मोमिना को आठ से दस हजार रुपए की चपत लग गई।

कैसे हो रहा है फ्रॉड-
पिछले कुछ महीनों के दौरान एक नए तरह का ऑनलाइन फ्रॉड बाजार में देखने को मिला है। यह पूरा गोरखधंधा पेटीएम के नाम पर हो रहा है। कभी पेटीएम में केवाईसी अपडेट करने को लेकर मैसेज ग्राहकों के पास आता है तो कभी कोई थर्ड पार्टी ऐप डाउनलोड करने के नाम पर। इस पूरी प्रक्रिया का अंत यह होता है कि ग्राहकों के बैंक खाते से या पेटीएम वॉलेट से अचानक पैसे गायब होने लगते हैं।

जब तक ग्राहकों को इस ऑनलाइन फ्रॉड का आभास होता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। यूं तो ऑनलाइन फ्रॉड अलग-अलग तरीके से यह जालसाज लगातार करते ही रहते हैं लेकिन बीते कुछ महीनों से पेटीएम के नाम पर ऑनलाइन फ्रॉड की संख्या कुछ ज्यादा ही नजर आ रही है। पेटीएम के नाम पर ग्राहकों को बहला-फुसलाकर अलग-अलग तरीके से लगातार फ्रॉड के मामले सामने आ रहे हैं। पेटीएम के नाम पर हो रहे इस ऑनलाइन फ्रॉड के बारे में एबीपी न्यूज़ ने कंपनी को बताया कि किस तरह केवाईसी अपडेट करने के नाम पर यह पूरी जालसाजी चल रही है, हालांकि पेटीएम ने इस पूरे मामले पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।

क्या कहते हैं आंकड़े-
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मुताबिक 2018-19 में बीते साल के मुकाबले बैंक फ्रॉड के केस में 15 फीसदी की बढोतरी हुई है। 2018-19 में बैंक फ्रॉड के केस की संख्या में भले ही बढोतरी 15 फीसदी हुई हो, लेकिन रकम 73.8 फीसदी बढ गई है। यानी जहां 2017-18 में 4 लाख 1167 करोड रुपये के बैंक फ्रॉड आरबीआई को रिपोर्ट हुए थे। वहीं 2018-19 में यह आंकड़ा बढकर 7 लाख 1543 करोड रुपये पर पहुंच गया है।

वहीं एनसीआरबी की 2017 की रिपोर्ट के मुताबिक, देश भर में साइबर क्राइम की संख्या में 2016 के मुकाबले 77 फीसदी की बढोतरी हुई है। 2017 में देश भर में कुल 2 लाख 1796 साइबर क्राइम के मामले रिकॉर्ड किए गए हैं। इनमें से 50 फीसदी से ज्यादा मामले साइबर मनी फ्रॉड के हैं यानी ऑनलाईन जालसाजी के ये आंकडे इस बात के गवाह हैं कि देश में जिस तेजी के साथ ऑनलाइन बैंकिंग और टांजेक्शन बढ़ रहा है, उतनी तेजी के साथ ही ऑनलाइन फ्रॉड की संख्या भी बढ रही है।

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