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घसारा का लाल लेह लद्दाख में हुआ शहीद, सूचना मिलते ही पिता हुए बेसुध, परिजनों में मचा कोहराम

औरैया/बिधूना। तहसील क्षेत्र के ब्लाक अछल्दा के गांव घसारा निवासी सेना का जवान लेह लद्दाख में ड्यूटी के दौरान शहीद हो गया है। जवान के शहीद होने की सूचना आते ही परिजनों में कोहराम मच गया। 15 दिन पहले ही जवान की लेह लद्दाख में तैनाती हुई थी। पिता को जब पिता चला कि उनका बेटा शहीद हो गया तो उन्होंने कपड़े फाड़ डाले और घर से बाहर निकलकर रोते रोते बेसुध हो जा रहे है। पूरे गांव में मातम पसर गया है।

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जानकारी के अनुसार तहसील के अछल्दा ब्लाक के गांव घसारा निवासी रामजी तिवारी (35) पुत्र सुरेंद्र बाबू तिवारी की वर्ष 2004 में सेना में नौकरी लगी थी। जिसके बाद उसकी देश में विभिन्न स्थानों पर तैनाती रही। रामजी की 15 दिन पहले लेह-लद्दाख में तैनाती हुई थी। जहां पर बुधवार को ड्यूटी के दौरान अचानक बायलर फट जाने से करीब 9 जवान उसकी चपेट में आ गये थे। जिससे 5 जवानों की मौके पर मौत हो जाने से वह शहीद हो गये थे। जबकि 4 जवानों को उपचार के लिए सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां पर उनका उपचार चल रहा है। शहीद हुए जवानों में घसारा निवासी जवान रामजी भी शामिल थे।

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रामजी के शहीद होने की जानकारी गुरूवार की सुबह करीब 7ः30 बजे फोन पर लद्दाख से सेना के अधिकारियों द्वारा परिजनों को दी गयी। रामजी के शहीद होने की जानकारी आते ही जहां परिजनों में कोहराम मच गया वहीं गांव में मातम छा गया है। शहीद के पिता सुरेंद्र बाबू ने तो उक्त सूचना मिलते ही अपने कपड़े तक फाड़ दिये और बिना कपड़ों के दरवाजे पर बैठे बेसुध हुए रो रहे है। वहीं पत्नी पूजा, पुत्री प्रतिष्ठा, पुत्र वैभव, मां शांति देवी व भाई गोपाल का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा है। शुक्रवार की शाम तक शव गांव पहुंचने की संभावना है।

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शहीद रामजी के पिता सुरेंद्र बाबू किसान है। रामजी की शादी वर्ष 2009 में इटावा जिले के महेवा ब्लाक के गांव सुनवर्सा निवासी पूजा के साथ हुई थी। जिनके दो बच्चे पुत्री प्रतिष्ठा (9 वर्ष), पुत्र वैभव (7 वर्ष) हैं। जिसमें बेटी कक्षा 3 और बेटा कक्षा एक में इटावा पढ़ते हैं। रामजी ने बच्चों की पढ़ाई के लिए इटावा में प्लाट लेकर उसमें कुछ निर्माण भी करा लिया है। जिसमें रहकर उनकी पत्नी पूजा पिछले 6 माह से बच्चों को पढ़ा रहीं थीं। शहीद की पत्नी पूजा का बीच-बीच में गांव आना जाना रहता है। शहीद का छोटा भाई गोपाल प्राइवेट नौकरी करता है।

रिपोर्ट – संदीप राठौर चुनमुन

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