प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस सांसद और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद की जब से प्रशंसा की तभी से अटकलों का दौर शुरू हो गया है. आजाद के साथ ही सदन से रिटायर होने वाले दो पीडीपी नेताओं के भी राजनीतिक भविष्य की चर्चा जोर पकड़ रही है.
कुछ लोग आजाद को उपराष्ट्रपति पद के लिए संभावित एनडीए उम्मीदवार के रूप में देख रहे हैं. वहीं कुछ लोग कांग्रेस के ‘जी -23’ का हवाला देते हुए, आजाद को जम्मू-कश्मीर में बीजेपी का संभावित चेहरा मान रहे हैं, जहां सरकार भविष्य में चुनाव कराने की योजना बना रही है.
अंग्रेजी अखबार द ट्रिब्यून के अनुसार, सूत्रों का कहना है कि जम्मू क्षेत्र में भाजपा की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है. लेकिन उसके पास घाटी में नेतृत्व की कमी है. अगर राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहस के पीएम मोदी के जवाब को पढ़ा जाए तो कुछ बिंदुओं को जोड़ा जा सकता है.
अपने भाषण से एक दिन पहले, मोदी ने आजाद के तौर-तरीकों और जम्मू-कश्मीर में हुए हालिया डीडीसी चुनावों पर उनकी टिप्पणियों पर ध्यान आकर्षित किया. मोदी ने कहा, ‘गुलाम नबी जी हमेशा शालीनता से बोलते हैं और कभी भी गलत भाषा का इस्तेमाल नहीं करते हैं.
हमें उनसे यह सीखना चाहिए मैं इसके लिए उनका सम्मान करता हूं. उन्होंने जम्मू-कश्मीर में हुए चुनावों की प्रशंसा की… मेरा मानना है कि आपकी पार्टी इसे सही अर्थों में लेगी, और ‘जी -23′ के सुझावों को सुनकर इसके विपरीत करने की गलती न करें.’