इलाहाबाद। Gorakhpur riots में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई करते हुए बड़ी राहत दी है। जिसमें कोर्ट ने सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चलाए केस चलाये जाने वाली याचिका को खारिज कर दिया। दंगा मामले में सीएम योगी के साथ केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ल पर भी केस चलाए जाने के लिए याचिका दाखिल की गई थी।
- जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस एसी शर्मा की डिवीजन बेंच ने इस याचिका को खारिज कर दिया।
- कोर्ट ने पिछले 18 दिसंबर 2017 को अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया था।
- परवेज परवाज और असद हयात ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
Gorakhpur riots याचिका खारिज, याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट जाने की कर रहा तैयारी
गोरखपुर दंगे में याचिकाकर्ता परवेज परवाज और असद हयात की याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। जिसके बाद से याचिकाकर्ता सुप्रीमकोर्ट जाने की तैयारी में है। याचिकाकर्ता ने कहा कि उसे आर्डर कापी अभी नहीं मिली है। इसके साथ वह दिये गये निर्णय से सहमत नहीं है। इसलिए वह सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाएगा। याचिका पर न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति एसी शर्मा की खंडपीठ ने लंबी बहस के बाद 18 दिसंबर 2017 को फैसला सुरक्षित कर लिया था।
- याचिका में कहा गया है कि गोरखपुर में 2007 में दंगे हुए थे
- जिसमें तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ सहित अन्य ने दंगा उकसाया था।
- जनवरी 2007 में गोरखपुर में दंगा भड़के थे।
- जिसमें एक युवक की मौत हो गई थी।
- तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा था।
- सांसद योगी आदित्यनाथ, शिपप्रताप शुक्ल समेत 8 लोगों को आरोपी बनाया गया था।
- जिसके बाद तत्कालीन भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ को गिरफ्तार किया गया था।
- उन्हें 10 दिनों तक जेल में रखा गया था।
- अदालत से जमानत मिलने पर वह बाहर आए थे।
- इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने एक दशक पुराने दंगे के मामले में मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने की इजाजत नहीं दी थी।