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कृषि विकास के लिए वचनबद्ध सरकार

किसानों की आय दोगुनी करने के संबन्ध में राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल के सुझाव उपयोगी रहते है। इसमें वह किसानों के साथ ही अन्य विशेषज्ञों से भी सहयोग का आह्वान करती है। कृषि विषय के छात्रों के लिए भी उनके यह सुझाव रहते है। उनका कहना है कि कृषि की तकनीकी जानकारी रखने वाले विद्यार्थियों को गांव जाकर किसानों की सहायता करनी चाहिए। जिससे वह उन्नत व आधुनिक तकनीक पर आधारित खेती करने की दिशा में प्रेरित हों। राज्यपाल जैविक्त कृषि पर अमल को भी प्रोत्साहित करती है। जिससे कृषि लागत में कमी होती है,और किसानों की आय बढ़ती है। कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय,कुमारगंज अयोध्या के दीक्षांत समारोह को उपाधि वितरण के बाद संबोधित किया।

कृृषि कानूनों का लाभ

भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इस योगदान में वृद्धि की आवश्यकता है। आनन्दी बेन पटेल ने कहा कि कृृषि विकास के लिये उत्तर प्रदेश सरकार पूरी तरह से बचनबद्ध है। क्योंकि भारत की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा भाग कृृषि क्षेत्र से संबंधित है। कृृषि कानून ने किसानों के सुनहरे भविष्य की नींव रखी है। संसद द्वारा पारित कृृषि संबंधी तीनों अधिनियम किसानों की भलाई के लिए उठाये गये सबसे अभूतपूर्व प्रयासों में से एक हैं। जिससे किसानों को हर तरह से बेहतर लाभ मिलेगा।

कुलाधिपति ने कहा कि कृृषि विश्वविद्यालय शिक्षण एवं शोध कार्यों के साथ शोध उपलब्ध्यिों को किसानों के प्रक्षेत्रों तक पहुंचाने तथा उन्हें प्रेरित कर अपनाने का दायित्व भी निभाते हैं। अतः विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों को कृृषि संबंधी शिक्षा के साथ रूलर एग्रीकल्चर वर्क एक्सपीरियेंस कार्यक्रम के अंतर्गत ग्रामीण कृृषि कार्य अनिवार्य रूप से कराया जाए,जिससे छात्र-छात्राएं प्रायोगिक रूप से कृृषि कार्य के साथ ग्रामीणों के बीच रहकर उनकी जीवन शैली का अध्ययन कर सकें तथा किसानों से कृृषि की जानकारी भी प्राप्त कर सकेें।

कृषि शिक्षा को बढ़ावा

राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश सरकार लगातार प्रायोगिक कृृषि शिक्षा पर जोर दे रही है। ताकि कृृषि स्नातक किसानों की आय दोगुनी करने में अपना वांछित योगदान कर सके। प्रायोगिक कृृषि शिक्षा के अंतर्गत विश्वविद्यालय स्तर पर उद्यमिता विकास पर भी विशेष जोर दिया जाना चाहिये इसके लिये छात्रों को विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षणों द्वारा स्वावलम्बी बनाने हेतु प्रशिक्षित किया जाए, इससे छात्र शिक्षा पूर्ण करने के बाद नौकरी लेने वाले न बनकर नौकरी देने का भी काम कर सकेेेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के लिए स्वीकृृत बीस कृृषि नये विज्ञान केन्द्रों में से आठ कृृषि विज्ञान केन्द्रों का इस विश्वविद्यालय के लिये स्वीकृृत होना गर्व की बात है। अब यहां कुल पच्चीस कृृषि विज्ञान केन्द्र हो गये हैं। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय के प्रांगण में रहकर विद्यार्थियों ने जो ज्ञान अर्जित किया है,उसे किसानों के खेतों तक पहुंचायेंगे और कृृषि जगत में एक नई क्रांति को दिशा देंगे। विद्यार्थियों द्वारा अर्जित ज्ञान जब किसानों को लाभान्वित करेगा तभी उसकी सार्थकता सिद्ध होगी। इसके साथ ही विद्यार्थियों को राष्ट्र के विकास एवं उन्नयन के प्रति भी दृृढ़ संकल्प होना होगा।

एग्रीकल्चर वर्क एक्सपीरियेंस

आनन्दी बेन ने कहा कि विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों को कृृषि संबंधी शिक्षा के साथ रूलर एग्रीकल्चर वर्क एक्सपीरियेंस कार्यक्रम के अंतर्गत ग्रामीण कृृषि कार्य अनिवार्य रूप से कराया जाए, जिससे छात्र-छात्राएं प्रायोगिक रूप से कृृषि कार्य के साथ ग्रामीणों के बीच रहकर उनकी जीवन शैली का अध्ययन कर सकें तथा किसानों से कृृषि की जानकारी भी प्राप्त कर सकेें। प्रदेश सरकार लगातार प्रायोगिक कृृषि शिक्षा पर जोर दे रही है। ताकि कृृषि स्नातक किसानों की आय दोगुनी करने में अपना वांछित योगदान कर सके। प्रायोगिक कृृषि शिक्षा के अंतर्गत विश्वविद्यालय स्तर पर उद्यमिता विकास पर भी विशेष जोर दिया जाना चाहिये इसके लिये छात्रों को विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षणों द्वारा स्वावलम्बी बनाने हेतु प्रशिक्षित किया जाए, इससे छात्र शिक्षा पूर्ण करने के बाद नौकरी लेने वाले न बनकर नौकरी देने का भी काम कर सकेेेंगे।

डॉ दिलीप अग्निहोत्री

 

 

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