नई दिल्ली। सरकार Government ने शुक्रवार को कहा कि वह भारतीय रिजर्व बैंक से 3.6 लाख करोड़ रुपए की पूंजी की कोई मांग नहीं कर रही है। वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने शुक्रवार को किए एक ट्वीट में कहा कि आरबीआई से उसके सरप्लस की मांग करने की सरकार की कोई योजना नहीं है।
Government एक लाख रुपए से लेकर
सचिव ने उन अटकलों को खारिज किया कि Government सरकार एक लाख रुपए से लेकर 3.6 लाख करोड़ रुपए तक लेना चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकार का राजकोषीय हिसाब-किताब बिल्कुल सही चल रहा है। गर्ग ने कहा कि सराकर केवल केंद्रीय बैंक की आर्थिक पूंजी व्यवस्था तय करने के बारे में चर्चा कर रही है।
आर्थिक मामलों के सचिव ने विश्वास जताया कि सरकार चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 3.3 प्रतिशत तक सीमित रखने के बजट में तय लक्ष्य के भीतर बनाए रखने में कामयाब होगी। सरकार का राजकोषीय हिसाब-किताब ठीक चल रहा है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2013-14 में सरकार का राजकोषीय घाटा जीडीपी के 5.1 प्रतिशत के बराबर था। उसके बाद से सरकार इसमें लगातार कमी करती आ रही है। हम वित्त वर्ष 2018-19 के अंत में राजकोषय घाटे को 3.3 तक सीमित कर देंगे।
बताते चलें कि सरकार और आरबीआई के बीच कई मामलों को लेकर विवाद चल रहै है, जिसमें रिजर्व को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। सरकार का प्रस्ताव है कि सरकारी बैंकों के कैपिटल और लैंडिंग के अंतर को आसान किया जाए। बीते कुछ हफ्तों में यह विवाद काफी बढ़ गया है और 19 नवंबर को होने वाली बोर्ड मीटिंग में इसे उठाया जाएगा।