कृषि मंत्रालय के अनुसार अच्छे मानसून के कारण 2024-25 के खरीफ सत्र में भारत का चावल उत्पादन रिकॉर्ड 119.93 मिलियन टन (एमटी) तक पहुंचने की संभावना है। सरकार ने इस बारे में मंगलवार को पहला अग्रिम अनुमान जारी किया। यह अनुमान सरकारी गोदामों में पर्याप्त स्टॉक की जानकारी के बीच आया है। पिछले साल के खरीफ सीजन की तुलना में इस बार 6.67 मिलियन टन अधिक चावल का उत्पादन होने का अनुमान है। देश भर में मुख्य खरीफ फसल की कटाई चल रही है।
मोटे अनाजों में, मक्का का उत्पादन 2024-25 खरीफ सीजन (जुलाई-जून) के लिए 24.54 मीट्रिक टन के सर्वकालिक उच्च स्तर पर रहने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष 22.24 मीट्रिक टन से अधिक है। ज्वार का उत्पादन 2.19 मीट्रिक टन रहने का अनुमान है, जबकि बाजरा उत्पादन घटकर 9.37 मीट्रिक टन रहने की संभावना है।
अनुमान के अनुसार मोटे अनाज का कुल उत्पादन एक वर्ष पूर्व की समान अवधि के 56.93 मिलियन टन की तुलना में घटकर 37.81 मीट्रिक टन रह सकता है। मंत्रालय का मानना है कि 2024-25 खरीफ सीजन के लिए कुल खाद्यान्न उत्पादन 164.70 मीट्रिक टन होगा, जो पिछले वर्ष के 155.76 मीट्रिक टन से अधिक है।
दलहन उत्पादन 6.97 मीट्रिक टन की तुलना में 6.95 मीट्रिक टन पर लगभग स्थिर रहने की उम्मीद है, जबकि तिलहन उत्पादन 24.16 मीट्रिक टन से बढ़कर 25.74 मीट्रिक टन होने की संभावना है। भारत दालों और तिलहनों की घरेलू कमी को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है। नकदी फसलों में गन्ने का उत्पादन पिछले वर्ष के 453.15 मीट्रिक टन से घटकर 439.93 मीट्रिक टन रहने का अनुमान है।