लखनऊ। लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह किसान आंदोलन को समर्थन करते हुए प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि केंद्र सरकार को अपना अड़ियल रवैया छोड़ना चाहिए कृषि कानूनों को तुरंत निरस्त करने और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार सी2+50 प्रतिशत के फार्मूले के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य के वैधानिक अधिकार की मांग करते हैं।
लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने केंद्र से तीन नये कृषि कानूनों को निरस्त करने की अपील की।सिंह ने भाजपा नीत सरकार पर कृषक समुदाय पर इन कानूनों को जबरन थोपने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि किसान कभी भी सरकार के पुतले फूंकने में विश्वास नहीं रखता था मगर अब सरकार ने मजबूर कर दिया। काला दिवस के दिन यूपी बॉर्डर पर ही नहीं, बल्कि पूरे देश में काले झंडे लगाकर विरोध हो रहा है।
कोरोना वायरस पर सरकार को घेरते हुए कहा कि बीमारी बड़ी है या कानून बड़े हैं। यदि बीमारी बड़ी है तो सरकार कानूनों को रद्द कर किसानों को उनके घर वापस जाने दे। अब अगर सरकार चाहती है कि किसान वापस जाए तो सरकार को इस महामारी के बीच ये कानून नहीं लाना चाहिए था। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के मुखिया होने के नाते किसानों और सरकार के बीच बातचीत बहाल कराने की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री जी की है। देश में किसानों के साथ जो अपमानजनक व्यवहार हो रहा है उससे देश का हर नागरिक आक्रोशित है।