केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर क्साइज ड्यूटी बढ़ा दी है। पेट्रोल पर 10 रुपये और डीजल पर 13 रुपये एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई गई है। राहत की बात ये है कि पेट्रोल डीज़ल के दाम उपभोक्ता के लिए नहीं बढ़ेंगे बल्कि वही रहेंगे।
इस बढ़ोतरी का आम आदमी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। पेट्रोल पर 8 रुपये रोड सेस और 2 रुपये एक्साइज़ ड्यूटी बढ़ाई गई, इस तरह 10 रुपये प्रति लीटर बढ़ोतरी हुई है। इसी तरह डीज़ल पर 8 रुपये रोड सेस और 5 रुपये एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई गई है, इस तरह कुल 13 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है। बढ़े हुए दाम मध्यरात्रि से ही लागू हो गए हैं।
दरअसल कोरोना संकट और लॉकडाउन की वजह से कच्चे तेल की खपत में भारी गिरावट हुई है, लेकिन तेल के उत्पादन में कोई खास कमी नहीं आई है, इसलिए दुनिया के तेल मार्केट में मंदी है और तेल की कीमतें नीचे गिर गई हैं। भारतीय तेल कंपनियां कम कीमतों पर तेल खरीदकर इसका फायदा उठा रही हैं।
इससे तेल कंपनियां अपनी भरपाई कर रही है। इस बढ़ोतरी से केंद्र के राजस्व में भारी इजाफा होगा और दुनिया में कच्चे तेल की कीमतों में आई कमी का फायदा भारतीय जनता को नहीं मिल पाएगा। दरअसल एक्साइज ड्यूटी और रोड सेस बढ़ने के बावजूद उपभोक्ता के लिए दाम नहीं बढ़ रहे हैं क्योंकि कंपनियों ने इस बढ़े हुए दाम को कंजूमर को पास ऑन करने का फैसला नहीं किया है बल्कि खुद ही इस को सहन करेंगी।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेली की कीमत में कमी का फायदा जनता को सस्ते तेल के रूप में मिल सकता था, लेकिन केंद्र सरकार ने घटते अंतराष्ट्रीय भाव का फायदा खुद अपने खजाने में रखा है। इसके लिए उसे एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का सहारा लिया है। अब तेल कंपनियों को सस्ता कच्चा तेल का फायदा नहीं मिलेगा क्योंकि उन्हें पेट्रोल पर 10 रुपये और डीजल पर रुपये प्रति लीटर की दर से एक्साइज ड्यूटी सरकार को चुकानी पड़ेगी।
आपको बता दें कि एक्साइज ड्यूटी या उत्पाद शुल्क एक तरह का अप्रत्यक्ष कर है। भारत सरकार इसे किसी प्रोडक्ट के उत्पादन या मैन्युफैक्चरिंग पर लगाती है। ये सरकार के राजस्व का एक बड़ा जरिया है।