रिपोर्ट-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लॉक डाउन के पहले दिन से ही श्रमिकों पर ध्यान देना शुरू किया था। इसके लिए वह दो मोर्चो पर कार्य कर रहे थे। पहला उनको भोजन व आर्थिक सहायता देना,दूसरा अन्य प्रदेशों से आने वाले श्रमिकों को गंतव्य तक पहुंचना। इसके लिए सैकड़ों की संख्या में बसें लगाई गई,कम्युनिटी किचेन शुरू किए गए,और एक हजार रुपये फौरी सहायता के लिए उनके जनधन खातों में भेजे गए।
इसके अलावा योगी ने यह भी निर्देश दिया कि जिन श्रमिकों के पास राशन कार्ड नहीं है, उनको भी राशन दिया जाएगा। इस क्रम में एक मई को योगी ने श्रमिको से संवाद भी किया। उन्होंने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार कामगारों और श्रमिकों के हितों के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। लगभग तीस लाख श्रमिकों जिन्हें एक हजार रुपये की पहली किश्त प्राप्त हो गयी है, उन्हें आज से दूसरी किश्त भेजने का काम प्रारम्भ किया जा रहा है। उन्होंने कामगारों और श्रमिकों से इस स्थिति में धैर्य रखते हुए लाॅकडाउन के नियमों और सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करने की अपील की।
प्रदेश सरकार ने भी आपदा के समय में कामगारों व श्रमिकों के कल्याण हेतु विभिन्न योजनाएं लागू की गयी हैं। निर्माण श्रमिकों, ठेला, खोमचा, पटरी व्यावसायियों, ई-रिक्शा, रिक्शा चलाने वालों, निराश्रित व्यक्तियों, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से आच्छादित कामगारों यथा नाई, लुहार, मोची, कुम्हार आदि को एक हजार रुपये की धनराशि प्रदान की जा रही है। इसके साथ ही खाद्यान्न भी प्रदान किया जा रहा है। अट्ठासी लाख मनरेगा मजदूरों का छह सौ ग्यारह करोड़ रुपये का बकाया भुगतान कराया गया है। वर्तमान में आठ लाख से अधिक मनरेगा मजदूरों को प्रतिदिन कार्य सुलभ कराया जा रहा है। मनरेगा मजदूरों की मजदूरी भी बढ़ायी गयी है। अठारह करोड़ लोगों को दो चरणों में खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा चुका है।
आज से तीसरे चरण का खाद्यान्न वितरण भी प्रारम्भ किया गया है।राज्य सरकार द्वारा दूसरे प्रदेशों में कार्य करने वाले राज्य के प्रवासी कामगारों व श्रमिकों को वापस लाया जा रहा है। दिल्ली व हरियाणा से चार लाख कामगार व श्रमिक वापस लाये गये हैं। मध्य प्रदेश से श्रमिकों व कामगारों को आज वापस लाया जा रहा है। इसी प्रकार, गुजरात, महाराष्ट्र व अन्य राज्यों से भी श्रमिकों व कामगारों को वापस लाने के लिए योजनाबद्ध ढंग से कार्य किया जा रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग व लाॅकडाउन का सर्वाधिक असर श्रमिकों पर पड़ा है। गरीबो,किसानों, मजदूरों महिलाओं युवाओं आदि के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना बिना भेदभाव के पूरे देश में लागू की जा रही है।