भारत में टैक्स बचाने के लिए लोग अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करते हैं. यहां तक कि कई लोग तो विदेश में भी अपनी संपत्ति छुपाकर रखते हैं, अब उन पर कड़ी कार्रवाई होने वाली है. ये ही वो लोग हैं, जिनके लिए कहा जाता है कि वो विदेश में कालाधन छुपाकर रखते हैं. हालांकि, अब जल्द ही इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ब्लैकमनी रखने वालों पर कार्रवाई करने वाला है. बताया जा रहा है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट 400 से ज्यादा लोगों पर ब्लैकमनी कानून के तहत कार्रवाई करने वाला है.
दरअसल, कुछ साल पहले ही ब्लैकमनी पर कानून बनाया गया था और अब बताया जा रहा है कि जल्द ही इस कानून के तरह बड़ा कार्रवाई की जाने वाली है. ऐसे में आज हम आपको बता रहे हैं कि अगर ब्लैकमनी कानून के तहत कार्रवाई होती है तो दोषी लोगों को क्या सजा दी जा सकती है. आइए जानते हैं इस कानून से जुड़ी हर एक बात…
क्या होता है कालाधन?
वैसे तो कानून में ‘कालाधन’ की कोई परिभाषा नहीं है. मगर काला धन उस इनकम को कहा जा सकता है, जिसमें टैक्स की दानेदारी बनती है, लेकिन उसकी जानकारी टैक्स डिपार्टमेंट को नहीं दी जाती है. ये भी कहा जा सकता है कि एक इनकम को छुपाने का प्रयास किया जाता है. यह कई तरीकों से किया जा सकता है. वहीं, ज्यादातर विदेश में छिपाई गई संपत्ति के लिए ब्लैकमनी का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में जो लोग टैक्स से बचने के लिए भारत में नहीं बल्कि विदेश में अपनी संपत्ति रखते हैं, उन्हें दिक्कत हो सकती है.
क्या है इस पर बना कानून?
कालेधन पर साल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने इस पर कानून बनाया था. इस कानून में काले धन पर जांच प्रक्रिया की नई संरचना तैयार की गई है. इसके साथ ही प्राथमिकता के आधार पर विदेशों में जमा काले धन या अघोषित विदेशी संपत्तियों का पता लगाने में मदद मिलेगी. इस कानून में सजा का प्रावधान भी ज्यादा है और कार्रवाई करने को लेकर भी कड़े नियम हैं. सरकार ने Undisclosed Foreign Income and Assets (Imposition of Tax) के नाम से बिल पेश किया था.
कितनी होती है सजा?
ब्लैकमनी कानून 2015 में विदेश में काला धन छुपाने पर 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा प्रावधान है. टैक्स चोरी करने वालों पर 300 प्रतिशत जुर्माना. विदेशी संपत्ति के बारे में रिटर्न दाखिल न करने या अधूरा रिटर्न दाखिल करने पर सात साल की जेल हो सकती है. साथ ही विदेशी संपत्ति के स्वामी या उससे लाभ लेने वाले व्यक्ति को आय न होने पर भी रिटर्न दाखिल करना होगा. काला धन जमा करने के लिए उकसाने वाले बैंकों के खिलाफ कार्रवाई होगी.
साथ ही रिटर्न में विदेशी बैंकों के खातों के बारे में भी जानकारी देनी होगी. साथ ही दोषी को सेटलमेंट कमीशन के पास जाने की भी अनुमति नहीं होगी. अघोषित विदेशी संपत्ति से होने वाली आय पर अधिकतम दर से टैक्स लगेगा और कोई छूट या कटौती अगर लागू है, तो नहीं मिलेगी.