लखनऊ। राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के 38वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि उपाधि और पदक प्राप्त करने वाले बच्चे भारत का भविष्य है। चंद्रयान-3 की लैंडिंग जिन्होंने कराई है वह लोग भी छोटे-छोटे विश्वविद्यालय से पढ़कर निकले हैं। अपने माता-पिता का सम्मान कभी ना भूले। हमारी शिक्षा की शुरुआत ही वहीं से होती है।
उन्होंने कहा कि अगर किसी विश्वविद्यालय को NRF और वर्ल्ड रैंकिंग में आना है तो वह प्रदेश की अलग-अलग विश्वविद्यालय के साथ MOU करें। रैंकिंग में आने के लिए MOU बहुत महत्वपूर्ण है। प्रदेश के बाहर की विश्वविद्यालय से भी MOU करें। इसका बहुत असर पड़ता है, जो रैंक देने वाले हैं उनसे भी हमेशा संपर्क में रहे।
उच्च शिक्षा विज्ञान व प्रौद्योगिकी इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी के मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि शिक्षा को रोजगार, संस्कृति और तकनीकी से जोड़ा जाना चाहिए। शिक्षा का उद्देश्य डिग्री प्राप्त करना नहीं है। हमको यह समझना है कि समाज के प्रति हमारा क्या दायित्व है। उच्च शिक्षा विभाग की राज्य मंत्री रजनी तिवारी ने कहा कि आज हमारा देश बहुत आगे बढ़ रहा है। इसमें युवाओं की भूमिका बहुत अहम है।
हर व्यक्ति का जीवन अच्छा हो और उनके जीवन में कुछ ना कुछ बदलाव हो इस ओर केंद्र व प्रदेश की सरकार काम कर रही है। ऐसी-ऐसी योजना आ रही है जो सबका विकास कर रही है। चाहे वह प्रधानमंत्री आवास योजना हो, सुमंगला योजना हो, आयुष्मान योजना हो या कोई भी अन्य योजना हो। आंगनबाड़ी से लेकर विश्वविद्यालय तक की शिक्षा में सुधार हुआ है।