लखनऊ। राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने राजभवन में सिद्धार्थनगर विश्वविद्यालय कपिलवस्तु, सिद्धार्थनगर के नैक एक्रीडेशन हेतु प्रस्तुतिकरण की समीक्षा की। उन्होने सभी सातों क्राइटेरिया पर बिंदुवार समीक्षा करते हुए विश्विद्यालय की नैक टीम के सदस्यों से उनके शैक्षणिक अनुभव, शोध कार्याें की जानकारी लेते हुए उन्हें विश्वविद्यालय के हित में अनुभवों का बेहतर उपयोग करने के लिए प्रेरित किया। कहा कि यद्यपि विश्वविद्यालय नवीन स्थापित है, किन्तु अनुभवी प्राचार्यों से युक्त है। नवगठित होने के बाद भी सभी अनुभवी प्राचार्य अपने योगदान के साथ नवीन प्राचार्यों को सहयोग करें। उन्होंने कहा कि बेहतर टीम भावना के साथ सभी कमेटी सदस्य आपसी तालमेल से कार्य करें और प्रस्तुतिकरण की रिपोर्ट को सशक्त करें।
राज्यपाल ने प्रस्तुतिकरण विभिन्न बिंदुओं पर विवरण उललेख की कमी को लक्षित करते हुए हर बिंदु को विवरण से पुष्ट करने का निर्देश दिया। उन्होंने टीम सदस्यों को इस संदर्भ में विविध दिशा-निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि क्राइटेरिया के हेड अन्य नैक ग्रेडिंग प्राप्त विश्वविद्यालयों की एस0एस0आर0 रिपोर्ट का अध्ययन कर अपने विश्वविद्यालय में सुधार करते हुए प्रस्तुतिकरण को भी सुदृढ़ करें।
उन्होंने सभी टीम सदस्यों को एक साथ बैठकर तैयारी करने का निर्देश दिया, जिसमें आपसी तालमेल के साथ रिपोर्ट और तथ्यों का समान आदान-प्रदान करके रिपोर्ट को सशक्त किया जा सके। अन्य संसाधन युक्त विश्वविद्यालय के इंटरनेट लिंक पर उपलब्ध सुविधा को विद्यार्थियों को उपलब्ध कराने और उनके एक्सेस का रिकार्ड व्यवस्थित करने, वर्चुअली उपलब्ध अंतर्राष्ट्रीय शैक्षिक सुविधाओं से विश्वविद्यालय को सम्बद्ध करने, प्रस्तुतिकरण को बेहतर विवरण और गतिविधि वाले फोटो से युक्त करने, सभी बिंदुओं पर हाइपर लिंक में विस्तृत उल्लेख और प्रमाण जोड़ने का निर्देश दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय की नैक एक्रीडेशन की उपयोगिता विद्यार्थियों का बताकर उनकी गतिविधियों में प्रतिभागिता बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने को कहा।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की उत्तर पुस्तिकाओं पर सख्त बार कोडिंग करने, अपनी विशेषताओं का उल्लेख विस्तार से करने, हिन्दी माध्यम के विद्यार्थियों के लिए हिन्दी अनूदित टैक्स्ट बुक केन्द्र से क्रय करने, स्लोलर्नर विद्यार्थियों की कक्षाओं के विस्तृत विवरण और व्यवस्थाएं रिपोर्ट में दर्शाने, रिसर्च पॉलिसी बनाने पर विस्तृत चर्चा करते हुए सुधार के निर्देश दिए। उन्होंने विश्वविद्यालय की स्थापना वर्ष से अब तक बढ़ते क्रम में विद्यार्थियों की संख्या का उल्लेख करने का निर्देश दिया।
उन्होंने बेस्ट प्रैक्टिस में विविध गतिविधियों के नवीन सुझाव भी दिए। उन्होंनेे 15 देशों के भारतीय राजदूतों के साथ उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों के सहयोग के लिए आज हुई वार्ता के अनुरूप विश्वविद्यालय को अपनी क्षमता सम्बर्द्धन के लिए उनसे सम्पर्क करने को कहा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय इस दिशा में उनसे वर्चुअली सहयोग, कक्षाओं और फैकल्टी में सहयोग, विद्यार्थियों के परस्पर आवागमन जैसे विभिन्न बिंदुओं सहित अन्य सभी आवश्यक अपेक्षित विषयों पर भी वार्ता और एमओयू करके अपनी ग्रेडिंग में सुधार करे।
बैठक में राज्यपाल ने क्राइटेरिया वाइज समीक्षा के दौरान दिए गए सभी सुधारों को सख्ती से लागू करने का निर्देश देते हुए कहा कि शिक्षक विद्यार्थियों के हित में विचार करें। उन्होंने कहा कि सभी सदस्य अपनी जिम्मेदारी तय करें और प्रतिवर्ष डेटा अंकन उपलब्ध कराने की व्यवस्था बनाते हुए नैक मूल्यांकन की एक अनवरत परम्परा सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि सशक्त तैयारी के साथ नैक के उच्चतम ग्रेड प्राप्त करने हेतु ही एसएसआर दाखिल किया जाए। इस अवसर पर प्रमुख सचिव राज्यपाल कल्पना अवस्थी, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा पंकज जॉनी भी उपस्थित थे।