राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल विगत समय में अनेक उच्चशिक्षण संस्थानों की नैक तैयारियों का जायजा लेती रही है। इस क्रम में उन्होने अनेक संस्थानों के प्रस्तुतिकरण को देखा। उनको जहां कमियां नजर आई, उनको दूर करने का निर्देश दिया। आनन्दी बेन पटेल नई शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन पर भी जोर देती रही है। नैक तैयारियों में इनका भी सन्दर्भ रहना चाहिए।
इसके अनुरूप व्यवस्था का भी ध्यान रखना अपेक्षित है। राज्यपाल शिक्षा की गुणवत्ता के प्रति भी गंभीर रही है। उच्च शिक्षण संस्थानों को अपनी रैंकिंग में सुधार करने का सतत प्रयास करना चाहिए। आनन्दी बेन ने इस संदर्भ में निर्देश दिया कि सुपर स्पेशियालिटी चिकित्सा संस्थानों की स्थापना मूल्यों के अनुरूप ही उनके नैक मूल्यांकन मानकों के निर्धारण के लिए शिक्षा मंत्रालय को पत्र भेजा जाए। डाटा बेस में अपूर्णता नहीं होनी चाहिए। मूल्यांकन के जिन मानकों पर संस्थान द्वारा नैक प्रस्तुतिकरण की तैयारी की गई है उसे गुणवत्ता संवर्द्धन के साथ शत प्रतिशत पूर्ण करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि संस्थान में प्रति दस छात्रों के साथ एक शिक्षक को मेन्टोर नियुक्त करें। उनसे संतुष्टिपरक जानकारियां लेने के साथ ही नैक मूल्यांकन के महत्व से भी अवगत कराए। आनंदीबेन पटेल ने राजभवन में संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान,लखनऊ के नैक मूल्यांकन की तैयारियों का अवलोकन किया। इसमें बताया गया कि एसजीपीजीआईएमएस एक सुपर स्पेशियालिटी चिकित्सा संस्थान है। यह संस्थान नैक मूल्यांकन की निर्धारित कुछ श्रेणियों से अलग उच्चतम शिक्षा और सेवाओं के लिए स्थापित है।
संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान,लखनऊ द्वारा प्रथम नैक मूल्यांकन आवेदन हेतु प्रस्तुतिकरण किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त संस्थान द्वारा नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल एण्ड हेल्थ केयर प्रोवाइडर एनएबीएच से भी मानक प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु आवेदन किया जा रहा है। दो वर्ष पूर्व संस्थान की एनआईआरएफ रैंकिंग में चौथी तथा गत वर्ष अधिक उच्च मूल्यांकन अंक प्राप्ति के साथ राष्ट्रीय स्तर पर पांचवीं रही है। शीघ्र ही संस्थान को तीसरा एनआईआर एफ मूल्यांकन परिणाम भी प्राप्त होने वाला है।
एनआईआरएफ राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क है जो भारत में उच्च शिक्षा के सभी संस्थानों की रैंक करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय,भारत सरकार द्वारा अपनाई गई एक पद्धति है।