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राज्यपाल की प्रयागराज यात्रा

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल गत दिवस राष्ट्रपति के कार्यक्रम में सम्मलित होने प्रयागराज आई थी। उन्होंने प्रयागराज की गौरवशाली विरासत का विषय रूप में उल्लेख किया था। उच्च न्यायालय में आयोजित कार्यक्रम के बाद राष्ट्रपति नई दिल्ली लौट गए थे। राज्यपाल ने प्रयागराज में ही प्रवास किया। उनको शिक्षा,आंगनबाड़ी व ग्राम प्रधानों से संबंधित कार्यक्रम में शामिल होना था।

आज उन्होंने प्रयागराज में प्रो राजेन्द्र सिंह रज्जू भय्या विश्वविद्यालय नवनिर्मित भवनों का लोकार्पण व उनकी प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर महान शिक्षाविद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघचालक रहे रज्जू भैया का स्मरण किया गया। वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे। समाज के हित में उन्होंने सिविल लाइन स्थित अपना आवास दान कर दिया था। राज्यपाल यहां आयोजित कार्यक्रम में आंगनबाड़ी से संबंधित कार्यक्रम में शामिल हुई। वह आंगनबाड़ी केंद्रों को सहयोग देने के लिए लोगों को प्रेरित करती है।

उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों के लिए फर्नीचर खिलौने आदि से सम्बंधित किट का वितरण किया साथ ही अनेक गर्भवती महिलाओं की गोद भराई करते हुए उनसें संवाद भी किया। इस कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकत्री, आशा बहुएं व ग्राम प्रधानों द्वारा प्रतिभाग किया गया। आनन्दी बेन ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्र में गरीबों के बच्चे आते है। यह हमारी जिम्मेदारी है कि उन्हें अच्छी से अच्छी सुविधा प्रदान करें।

उन्हें पौष्टिक आहार के साथ साथ उन्हें प्यार,दुलार भी मिलना चाहिए। यह आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की जिम्मेदारी है। बच्चे देश का भविष्य है। उन्होंने सम्पन्न लोगो व उच्च शिक्षण संस्थानों से आह्वाहन करते हुए आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लेने को कहा। जिससे वहां पर किसी भी मूलभूत सुविधा की कमी न होने पाये। आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए जो आज खिलौने आदि चीजे वितरित की गयी है,उससे बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास के साथ उन्हें आंगनबाड़ी केन्द्रों में खेल-कूद का माहौल मिलेगा। जिससे उनका आंगनबाड़ी केन्द्रों पर मन लगेगा।

उन्होंने कहा कि हमें अपना जन्मदिन कहीं बाहर जाकर या पार्टी करके मनाने के बजाय आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों के साथ मनाने का प्रयास करना चाहिए, जिससे आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों को खुशी मिलेगी इसके साथ ही आप लोगों को भी संतुष्टि का अनुभव होगा। उन्होंने ग्राम प्रधानों से कहा कि आप लोग अपने-अपने गांवों के विकास के साथ-साथ अपने गांवों में कुपोषित व टीबी से पीड़ित बच्चों की पहचान कर उन्हें गोद लेकर उनका समुचित ध्यान रखे और गांव के सम्पन्न परिवारों को भी इस सेवा कार्य से  जोड़ने का प्रयास करें। उन्होंने अधिकारियों व सम्पन्न लोगो से अपील की कि सभी लोग मिलकर टीबी से पीड़ित एक-एक बच्चों को गोद लेकर उनका ध्यान रखे और बीमारी से उनको मुक्ति दिलाने का प्रयास करें।

टीबी मुक्त भारत बनाने के लिए हम सब को मिलकर प्रयास करना होगा। प्रसव के दौरान किसी भी बच्चे की मृत्यु न हो,यह भारत सरकार व उत्तर प्रदेश सरकार का संकल्प है। आशा बहुएं यह प्रण करें कि किसी भी बच्चे की डिलीवरी घर पर न हो साथ ही गर्भवती महिलाओं को बच्चों के पोषण से संबंधित सारी जानकारी समय समय पर दी जाती रहे व सरकार द्वारा दिये जा रहे अनुदान के बारे में उनको जानकारी दी जाये। गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाओं को खाने-पीने से लेकर अन्य आवश्यक बातों के बारे में आशा बहुओं द्वारा सम्पूर्ण जानकारी लगातार दी जानी चाहिए।

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