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16 साल के शीर्ष पर पहुंच सकता है सकल कर संग्रह, जीडीपी में 11.6 फीसदी हो सकती है हिस्सेदारी

चालू वित्त वर्ष में केंद्र सरकार का सकल कर राजस्व 16 साल के शीर्ष पर रह सकता है। एसबीआई रिपोर्ट के अनुसार, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुपात में इसके 11.6% रहने की उम्मीद है। 2024-25 में सकल कर राजस्व दो दशकों में सर्वाधिक रहने की उम्मीद है चालू वित्त वर्ष में शुद्ध टैक्स बजट अनुमान से 80,000 करोड़ रुपये ज्यादा रह सकता है। गैर टैक्स राजस्व 50,000 करोड़ ज्यादा रहने की उम्मीद है। इस दौरान केंद्र का खर्च भी 60,000 करोड़ बढ़ सकता है। राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष में कम होकर जीडीपी के अनुपात में 5.9% रह सकता है। अंतरिम बजट में इसका लक्ष्य 5.5% हो सकता है। जुलाई में पेश होने वाले पूर्ण बजट में यह और कम होकर 5.3 से 5.4 फीसदी के लक्ष्य पर आ सकता है।

2024-25 में केंद्र सरकार बाजार से 11.7 लाख करोड़ रुपये का उधारी ले सकती है। 3.6 लाख करोड़ का पुनर्भुगतान भी कर सकती है। सकल उधारी इस दौरान 15.3 लाख करोड़ रुपये रहने की उम्मीद जताई गई है। 2024-25 में अर्थव्यवस्था सालाना आधार पर 11% बढ़कर 329 लाख करोड़ हो सकती है। इस दौरान कर राजस्व 10.5 फीसदी की तेजी के साथ 26.6 लाख करोड़ रह सकता है। गैर कर राजस्व बढ़कर 3.6 लाख करोड़ रहने की उम्मीद है।

49 लाख करोड़ रुपये खर्च का अनुमान
2024-25 में केंद्र सरकार का खर्च 7.3% बढ़कर 48.9 लाख करोड़ रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2025 में वास्तविक जीडीपी की वृद्धि दर 6.8% रह सकती है। सरकार छोटी बचत योजनाओं को बढ़ाने के लिए जोर दे सकती है।

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