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2025-26 में 10.4% बढ़ेगा सकल कर संग्रह, सरकार को मिलेंगे 41 लाख करोड़

आर्थिक गतिविधियों में सुधार के कारण 2025-26 में भी कर संग्रह के रूप में सरकार की कमाई मजबूत बनी रहने की उम्मीद है। केयरएज रेटिंग्स ने एक रिपोर्ट में कहा, अगले वित्त वर्ष में कर वसूली अच्छी रहेगी। सकल कर राजस्व 10.4 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 41.4 लाख करोड़ रुपये पहुंच सकता है। बढ़ोतरी की यह रफ्तार 2025-26 के लिए अनुमानित 10.3 फीसदी की नॉमिनल जीडीपी वृद्धि से थोड़ा अधिक है। शुद्ध कर राजस्व के रूप में सरकार की झोली में 28.2 लाख करोड़ रुपये आ सकते हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, सकल कर संग्रह के अनुमान में वृद्धि राजकोषीय लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सतत आर्थिक सुधार और प्रभावी राजस्व उपायों के महत्व को रेखांकित करता है। हालांकि, संभावित राहत उपायों के कारण आयकर संग्रह कम होने की वजह से 2025-26 में प्रत्यक्ष कर राजस्व 9.6 फीसदी की धीमी रफ्तार से बढ़कर 23.3 लाख करोड़ रुपये पहुंच सकता है। आर्थिक वृद्धि में सुधार के कारण कॉरपोरेट कर संग्रह में भी एक साल पहले की तुलना में 11.4 फीसदी की बढ़ोतरी की उम्मीद है।

जीएसटी वसूली 11.8 लाख करोड़
अप्रत्यक्ष कर वसूली के रूप में सरकार को 18.1 लाख करोड़ रुपये की कमाई हो सकती है, जो सालाना आधार पर 11.9 फीसदी की वृद्धि को दर्शाता है। इसमें जीएसटी का योगदान 11.4 फीसदी बढ़कर 11.8 लाख करोड़ रुपये पहुंच सकता है।

  • खाद्य तेल पर उच्च टैरिफ के कारण सीमा शुल्क संग्रह में भी 20 फीसदी की मजबूत वृद्धि की संभावना है। घरेलू उद्योगों के लिए सुरक्षात्मक उपायों से राजस्व में और वृद्धि हो सकती है।

आरबीआई से सरकार को कम मिलेगा लाभांश
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले वित्त वर्ष में गैर-कर राजस्व 9.8 फीसदी घटकर 4.8 लाख करोड़ रुपये रह सकता है। आरबीआई से सरकार को मिलने वाला लाभांश 1.1 लाख करोड़ से 1.3 लाख करोड़ रुपये के बीच रहने का अनुमान है, जो बीते वित्त वर्ष के 2.1 लाख करोड़ रुपये से काफी कम है।

  • विनिवेश से सरकार को अब तक 86 अरब रुपये ही मिले हैं। आईडीबीआई बैंक व शिपिंग कॉरपोरेशन की बिक्री से विनिवेश लक्ष्य हासिल करना संभव है।

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