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पुरुष नसबंदी के प्रति बढ़ रहा रुझान, पखवाड़े में अब तक 13 पुरुषों ने कराई नसबंदी  

• पुरुष नसबंदी को लेकर न पालें भ्रम, परिवार नियोजन में निभाएं भागीदारी

कानपुर नगर। जिले में 11 जुलाई से शुरू हुए परिवार नियोजन सेवा प्रदायी पखवाड़े में परिवार नियोजन के स्थाई व अस्थाई साधनों को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसके साथ ही उपयोग के लिए इन्हें उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी का नतीजा है कि मात्र पांच दिनों में 13 पुरुषों ने परिवार नियोजन में अपनी भागीदारी दर्ज़ कराते हुए स्थाई साधन (नसबंदी) अपनाया है। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आलोक रंजन का।

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उन्होंने बताया कि पखवाड़ें में पुरुषों को इस दिशा में प्रेरित के लिए उन्हें परामर्श दिया जा रहा है। इसके साथ विशेष तौर पर उन्हें परिवार नियोजन के स्थाई साधन अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

पुरुष नसबंदी के प्रति बढ़ रहा रुझान पखवाड़े में अब तक 13 पुरुषों ने कराई नसबंदी  

परिवार नियोजन के नोडल अधिकारी डॉ एसके सिंह ने बताया कि इस बार पखवाड़ें में शनिवार तक कुल 13 पुरुषों ने नसबंदी को अपनाया है, जिसमें से तीन पुरुष ब्लॉक पतारा से, तीन पुरुष ब्लॉक बिल्हौर से , एक पुरुष ब्लॉक शिवराजपुर से, तीन पुरुष ब्लॉक कल्याणपुर से और तीन पुरुष शहरी क्षेत्र से है। डॉ सिंह कहते हैं कि नसबंदी को लेकर पुरुष किसी भी प्रकार का भ्रम न पालें।

इसमें किसी प्रकार की हानि नही होती है। वह बताते है कि समाज में ज्यादातर पुरुष नामर्द होने के डर से नसबंदी नहीं करवाते हैं साथ ही उन्हें डर होता है की समाज में उनकी प्रतिष्ठा कम हो जायेगी, जबकि यह एक भ्रम मात्र है। नसबंदी करवाने से किसी भी प्रकार का पौरुष कम नहीं होता है। महिला नसबंदी की तुलना में पुरुष नसबंदी अधिक सरल और प्रभावी होती है। साथ ही इसका स्वास्थ्य पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है।

सही एवं सटीक जानकारी है जरूरी

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की महिला सर्जन डॉ मिनी अवस्थी का कहना है की पुरुष नसबंदी में वांक्षित बढ़ोतरी इसके विषय में सम्पूर्ण जानकारी के साथ जन-जागरूकता पर भी निर्भर करती है। पुरुष नसबंदी से न ही शारीरिक कमज़ोरी आती है और न ही पुरुषत्व का क्षय होता है।

जब भी चाहें इसे अपना सकते हैं, क्योंकि पुरुष के जननांग में कोई संक्रमण नहीं होता है। ऑपरेशन के आधे घंटे के बाद पुरुष घर जा सकता है। रोज के कामकाज पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ता है। पुरुष नसबंदी के बाद शरीर में कोई भी बदलाव नहीं होता है। लाभार्थी एवं प्रेरक दोनों को प्रोत्साहन राशि सरकार की ओर से प्रदान की जाती है। लाभार्थी को 3000 रुपए एवं प्रेरक को प्रति लाभार्थी 300 रुपए दिया जाते हैं।

यहां कर सकते हैं संपर्क

परिवार नियोजन के लिए यदि शहरी क्षेत्र में पुरुष नसबंदी करवाना चाहते हैं तो सरकारी चिकित्सालयों में जिला पुरुष अस्पताल उर्सला, मां कांशीराम जिला संयुक्त चिकित्सालय एंड ट्रामा सेंटर में संपर्क कर सकते हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्र के पुरुष सभी 10 ब्लॉक में बने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर संपर्क कर सकते हैं।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर

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