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‘आजादी के 75वें अमृत महोत्सव’ को समर्पित गुरमत चेतना समागम का समापन

लखनऊ। आजादी के 75वें अमृत महोत्सव को समर्पित गुरमत चेतना समागम दशमेश सेवा सोसाइटी एवं ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री गुरु नानक देव जी नाका हिण्डोला लखनऊ की ओर से बड़ी श्रद्धा एवं सत्कार के साथ मनाया गया। यह जानकारी देते हुए दशमेश सेवा सोसायटी के तेजिंदर सिंह ने बताया कि इस अवसर पर 15 अगस्त को प्रातः 6.00 बजे से दीवान आरम्भ हुआ जो दोपहर 02.30 बजे तक चला। जिसमें सुखमनी साहिब के पाठ के उपरान्त हजूरी रागी भाई राजिन्दर सिंह ने आसा की वार का अमृतमयी शबद कीर्तन गायन किया। उसके उपरान्त मुख्य ग्रन्थीे ज्ञानी सुखदेव सिंह कथा व्याख्यान किया।

विशेष रुप से पधारे सिख पंथ के प्रसिद्ध रागी जत्थे भाई मेहताब सिंह जालन्धर वालों ने गुरबाणी कीर्तन गायन किया। ‘सो जीविआ जिस मनि वसिआ सोई’ अर्थात वही प्राणी वही मनुष्य जीवित है जिसके मन में परमात्मा रहता है जो परमात्मा का सिमरन करता है और प्रभु को याद करता है। इसके बाद उन्होंने गुरुवाणी शबद गायन किया “थिरु घरि बैसहु हरि जन पिआरे, सतिगुर तुमरे काज सवारे।” अर्थात प्रभु के ऊपर आस्था रखें अपने आप को अपने मन को स्थिर करो प्रभु पर विश्वास रखो प्रभु तुम्हारे सारे कार्य सवारेगा फिर उन्होंने कीर्तन सुनाया, “मेरे सतिगुरा मैं तुझ बिनु अवर न कोई” अर्थात हे मेरे प्रभु हे मेरे सतगुरु तेरे बिना मेरा कोई नहीं है इसलिए मेरे ऊपर अपनी कृपा अपना आशीर्वाद बनाए रखना गुरबाणी कीर्तन द्वारा समूह साध संगत को निहाल किया।

सोसाइटी के संचालक मंडल के इंद्रजीत सिंह ने बताया कि ज्ञानी दविन्दर सिंह नानकमता साहिब वालों ने दिल को छू देने वाले गुरमति विचारों को प्रकट किया और देश की आजादी के आंदोलन में क्रांतिकारियों और शहीद होने वाले शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उनके जीवन से प्रेरणा लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि उन शहीद सपूतों के बलिदान की वजह से ही हम आजादी का 75 वां वर्ष अमृत महोत्सव मना रहे हैं। माता गुजरी सत्संग सभा की सदस्यों एवं गुरमति संगीत अकेडमी नाका हिण्डोला के बच्चों ने भी इस कार्यक्रम में शबद कीर्तन गायन किया। कार्यक्रम का संचालन सतपाल सिंह मीत ने किया।

लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बग्गा ने गुरमत चेतना समागम में पधारे रागी जत्थों एवं प्रचारकों को स्मृति चिन्ह एवं गुरु घर का सम्मान सिरोपा भेंट कर सम्मानित किया। विशेष रूप से सरदार नरेंद्र सिंह मोंगा रिटायर्ड इंजीनियर जो लेखक संपादक और विचारक हैं उनकी हाल ही में लिखी गई पुस्तक “अनमोल कलमें ” जिसका विमोचन 29 जुलाई को राजभवन में महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कर कमलों द्वारा हुआ था और जिसे उत्तर प्रदेश पंजाबी अकेडमी ने प्रकाशित करवाया था, उनको लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से सिरोपा और सम्मान चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

समाप्ति के उपरान्त गुरु का लंगर सोसाइटी के सेवादारों द्वारा वितरित किया गया। शाम का दीवान 6.15 बजे रहिरास साहिब के पाठ से दीवान आरम्भ हुआ जो रात्रि 10.00 बजे तक चला जिसमे हजूरी रागी भाई राजिन्दर सिंह ने शबद कीर्तन एवं समूह संगत नाम सिमरन करवाया। ज्ञानी गुरदेव सिंह जी मुख्य ग्रन्थीे गुरुद्वारा आलमबाग वालों ने कथा व्याख्यान किया। दशमेश सेवा सोसाइटी के संचालक मंडल तेजिंदर सिंह एवं इन्दरजीत सिंह ने समागम में आई समूह संगत का धन्यवाद किया।

रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी

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