मुरादाबाद। सीएसआईआर-एनपीएल के निदेशक प्रो वेणुगोपाल अचंता बतौर मुख्य अतिथि बोले, वैश्विक बाजार में पहचान के लिए किसी भी डिवाइस में मैटेरियल की गुणवत्ता श्रेष्ठ होनी चाहिए। दुनिया की किसी भी मेजरमेंट डिवाइस का समय-समय पर कैलिब्रेशन अनिवार्य है, ताकि मापन की गुणवत्ता बनी रहे। देश में एनपीएल-नेशनल फिजिकल लेबोरेट्री गुणवत्ता की परख का प्रहरी है। एनपीएल की वर्किंग पर हमें नाज़ है। चाइना से इंपोर्टिड खिलोनों को रोकने में एनपीएल की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
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उल्लेखनीय है, एनपीएल ने ही चीन से आने वाले इन खिलौनों में हानिकारक केमिकल का पता लगाया था। संविधान लिखने में प्रयोग की गई स्याही से लेकर वोटिंग में लगाई जाने वाली इंक की टेस्टिंग एनपीएल की ही देन है।
गुणवत्ता की कसौटी पर यह श्रेष्ठ इंक मानी जाती है। प्रो वेणुगोपाल तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी (TMU) के फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग-एफओई की ओर से मैटेरियल्स एंड डिवाइसेज़- एनसीएमडी पर आयोजित दो दिनी 5वीं नेशनल कॉन्फ्रेंस में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
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इससे पूर्व प्रो अचंता ने बतौर मुख्य अतिथि, बतौर गेस्ट ऑफ ऑनर बीएचयू की प्रो नीलम श्रीवास्तव, टीएमयू के वीसी प्रो वीके जैन, प्रो एसके चक्रवर्ती, प्रो अनुराग वर्मा आदि ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित करके कॉन्फ्रेंस का शुभारम्भ किया।
इस मौके पर कॉन्फ्रेंस अब्सट्रेक्ट बुक का विमोचन भी हुआ। कॉन्फ्रेंस के दोनों सत्रों में पहले दिन 31 शोधपत्र, जबकि 36 पोस्टर प्रस्तुत किए गए। संचालन डॉ इंदु त्रिपाठी ने किया।
प्रो अचंता ने कहा, विकसित भारत-2047 के विज़न को पूरा करने के लिए यंग एनर्जेटिक युवाओं की दरकार है। टीएमयू के मेधावी छात्र-छात्राओं को एनपीएल का आमंत्रण देते हुए बोले, वे एनपीएल की बहुउपयोगी लैब का अपने स्वर्णिम करियर के लिए लाभ उठाएं। एनपीएल को इंजीनियरिंग और साइंस के मेधावी स्टुडेंट्स की हमेशा तलाश रहती है।
इससे पूर्व टीएमयू के वीसी प्रो वीके जैन बोले, मोबाइल्स, कम्प्यूटर्स, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स आदि में सेमीकंडक्टर मैटेरियल्स और मैटेरियल साइंस की अहम भूमिका है। इनके बिना हाई प्रोसेसिंग स्पीड और टिकाऊ डिवाइसेज़ का निर्माण संभव नहीं है।
नॉलेज उम्र की मोहताज नहीं होती। नॉलेज प्राप्ति के लिए डिसप्लिन, कंटिन्यूटी और कमिटमेंट अनिवार्य है। जीवन में आप कितने भी व्यस्त हों, लेकिन लर्निंग प्रोसेस कभी नहीं रूकना चाहिए। बीएचयू की प्रो नीलम श्रीवास्तव ने कहा, कॉन्फ्रेंस नॉलेज एक्सचेंज का बेहतरीन प्लेटफॉर्म है, क्योंकि इसमें विभिन्न डोमेन के विशेषज्ञ ज्ञान साझा करते हैं।
रिसर्चर्स से बोलीं, वे कॉन्फ्रेंस को बेहद संजीदगी से लें। साथ ही उन्होंने टेक्नोलॉजिकल डवपलमेंट इन द फील्ड ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स पर भी व्याख्यान दिया।
हैदराबाद यूनिवर्सिटी के प्रो अनिल कुमार चौधरी बोले, टेट्रा हर्ट्ज टेक्नोलॉजी की आज वैश्विक डिमांड है। भारत को भी इसका महत्व समझना होगा। मौजूदा समय में मेडिकल से लेकर खाद्यान, सुरक्षा, खेती आदि में टेट्रा हर्ट्ज टेक्नोलॉजी अति महत्वपूर्ण है।
कॉन्फ्रेंस में डॉ पीयूष मित्तल, डॉ नितिन सक्सेना, डॉ अमित कुमार शर्मा, डॉ दिप्तोनिल बनर्जी, डॉ अजय उपाध्याय, डॉ पराग अग्रवाल, डॉ विष्णु प्रसाद श्रीवास्तव, डॉ पवन कुमार सिंह, उमेश कुमार सिंह, डॉ आलोक गहलोत आदि की भी मौजूदगी रही।