केरल मल्लापुरम जिले के भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के एक अनुबंधित कर्मचारी ने पिछले 10 महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण गुरुवार को दफ्तर में फांसी लगाकर कथित रूप से आत्महत्या कर ली.
इंडिया टुडे के मुताबिक 52 वर्षीय रामकृष्णन बीएसएनएल के निलाम्बुर स्थित दफ़्तर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. वह बीएसएनल के संविदा कर्मचारी थे.
पुलिस ने बताया कि मृतक रामकृष्णन वंडूर का रहने वाला था और वह पिछले 30 साल से अंशकालिक सफाईकर्मी के तौर पर काम कर रहा था.
रामकृष्णन तीन दशक पहले हाउसकीपिंग स्टाफ के रूप में भारतीय दूरसंचार प्राधिकरण में शामिल हुए थे, जब बीएसएनएल का गठन हुआ, तो रामकृष्णन को उसमें शामिल किया गया.
श्रमिक संघ के नेताओं ने बताया कि अनुबंधित कर्मचारियों को पिछले 10 महीने से वेतन नहीं मिल रहा था और बीते 130 दिन से वे बकाया वेतन की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
बीएसएनएल कैजुअल कॉन्ट्रैक्ट लेबर यूनियन (सीसीएलयू) के अध्यक्ष मोहन ने बताया कि बीएसएनएल मल्लापुरम जिले के अनुबंध कर्मचारियों को जनवरी, 2019 से उनका वेतन नहीं मिल रहा है.
मोहन ने बताया, ‘बीएसएनएल ने काम के दिनों और घंटों को घटा दिया है. सप्ताह में छह दिनों के जगह तीन दिन और काम के घंटों को छह घंटे से घटाकर तीन घंटे कर दिया है. इनकी वजह से रामकृष्णन गंभीर आर्थिक तंगी से गुजर रहा था. आखिर में उन्होंने आत्महत्या करने को मजबूर हो गया. रामकृष्णन के दो बच्चे और पत्नी है.’
केरल में बीएसएनएल के संविदा कर्मचारी वेतन की मांग को लेकर पिछले कुछ महीनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. सीसीएलयू के अध्यक्ष मोहन ने कर्मचारी की मौत के लिए बीएसएनएल और केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.
उन्होंने कहा, ‘रामकृष्णन की मौत के लिए जिम्मेदार पहले कॉरपोरेट कंपनी बीएसएनएल है और दूसरा केंद्र सरकार है.’ वहीं, सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन भी कर्मचारी की मौत के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार बताया.
इसके महासचिव ईलमाराम करीम ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि रामकृष्णन की मौत के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है. साथ ही केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि जियो की मदद करने के लिए उसने बीएसएनएल को बर्बाद कर दिया.