कुछ समय पहले ही भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष निर्वाचित हुए है। यह बात अलग है कि सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी देशों को वीटो पावर हासिल है। भारत इसका स्थायी सदस्य नहीं है। लेकिन विश्व को शांति सौहार्द व सहयोग का सन्देश भारत की तरफ से मिल रहा है। अध्यक्ष के रूप में नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ सुरक्षा परिषद को संबोधित है।
नरेंद्र मोदी के विचार मानव कल्याण के मार्गदर्शक के रूप में रहे। नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद को मानवता के लिए खतरा बताया। आतंक के कारण दुनिया के अनेक क्षेत्रों में हिंसा का माहौल है। अफगानिस्तान में तो आतंकियों के वर्चस्व वाली सरकार है। विश्वशांति के लिए ही संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना की गई थी। इसका उद्देश्य शांति सौहार्द व सहयोग कायम करना था। इसमें में सुरक्षा परिषद का गठन किया गया। जैसा नाम से स्पष्ट है कि सुरक्षा सुनिश्चित करने की विशेष जिम्मेदारी इसकी है।
इसके लिए पांच महाशक्तियों को वीटो पावर दिया गया। अनेक मसलों पर इसने अपनी जिम्मेदारी का समुचित निर्वाह नहीं किया। अनेक आरोप लगते रहे। यहां तक कि इस्लामी आतंकी संगठनों को संरक्षण देने के लिए इन्हें जिम्मेदार माना गया। अफगानिस्तान इसकी मिसाल है। अनेक देशों की सहायता से ही तालिबान मजबूत हुआ।
उसे घातक हथियार उपलब्ध कराए गए। आर्थिक सहायता दी गई। इसके बल पर उसने पहले भी अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा जमाया था। लेकिन अमेरिका पर हमला उसे भारी पड़ा। अमेरिका ने अपने ऊपर हुए हमले का जबाब दिया।
तालिबान सत्ता से बेदखल हुए। वह दुबक गए,लेकिन समाप्त नहीं हुए। वीटो पावर धारी चीन रूस और पाकिस्तान की उसे सहायता मिलती रही। जब तक नाटो की सेनाएं अफगानिस्तान में रही,तालिबान को सिर उठाने का मौका नहीं मिला। जैसे ही नाटो सैनिकों की वापसी शुरू हुई,अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जा हो गया। अफगानिस्तान की आधिकारिक सेना उसके सामने टिक नहीं सकी। बीस वर्षों की कवायद कुछ दिनों में नाकाम हो गई।
बिडंबना देखिए तालिबान की हुकूमत उनकी कमान में है जिन्हें संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा मोस्ट वांटेड इस्लामी आतंकी घोषित किया गया था। नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत मदर आफ डेमोक्रेसी का गौरव हासिल है।लोकतंत्र की हमारी हजारों वर्षों की महान परंपरा रही है।
विविधता में एकता भारत की विरासत है। भारत वाइब्रेंट डेमोक्रेसी का बेहतरीन उदाहरण है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने और आतंकी हमलों के लिए नहीं होना चाहिए। इसे सुनिश्चित करना होगा। इस बात के लिए भी सतर्क रहना होगा वहां कि नाजुक स्थितियों का इस्तेमाल कोई देश अपने स्वार्थ के लिए एक टूल की तरह इस्तेमाल करने की कोशिश न करे।
उन्होंने पाकिस्तान को भी निशाने पर लिया। कहा कि प्रतिगामी सोच से जो देश आतंकवाद का राजनीतिक उपकरण के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्हें ये समझना होगा कि आतंकवाद,उनके लिए भी उतना ही बड़ा खतरा है। नरेंद्र मोदी ने कोरोना वैक्सीन के माध्यम से भी मानव कल्याण का सन्देश दिया।
उन्होंने कहा कि भारत का वैक्सीन डिलीवरी प्लेटफार्म कोवीन एक ही दिन में करोड़ों वैक्सीन डोज लगाने के लिए डिजीटल सहायता दे रहा है। भारत ने दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन विकसीत कर ली है जिसे बारह साल से ज्यादा आयु के सभी लोगों को लगाया जा सकता है। भारत के वैज्ञानिक एक नेजल वैक्सीन के निर्माण में भी लगे हैं।
मानवता के प्रति अपने दायित्व को समझते हुए भारत ने एक बार फिर दुनिया के जरूरतमंदों को वैक्सीन देनी शुरू कर दी है। मोदी ने दुनिया के वैक्सीन मैन्युफैक्चर्स को भारत में वैक्सीन बनाने का आमंत्रण दिया। इसके अलावा नरेंद्र मोदी ने जलवायु पेयजल स्वास्थ्य आदि विषयों को भी उठाया।