त्रिपुरा कैडर की 2008 बैच की आईएएस अधिकारी सोनल गोयल ने लंदन में ‘इंस्टिट्यूट ऑफ डायरेक्टर्स’ की तरफ से ‘कॉर्पोरेट गवर्नेंस एंड सस्टेनिबिलिटी’ थीम पर आयोजित ग्लोबल कन्वेंशन में अपने भाषण में भारतीय संस्कृति और सिद्धांतों के महत्व पर चर्चा की।
प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान का जिक्र
सोनल गोयल ने अपने संबोधन में ब्रिटेन की सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रगति में प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान का भी जिक्र किया। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यापार के क्षेत्र में भारतीय मूल के लोगों के उत्कृष्ट योगदान की सराहना करते हुए कहा कि यह समुदाय कई संगठनों के माध्यम से भारत और ब्रिटेन के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने में एक बड़ी भूमिका निभा रहा है।
ग्लोबल कन्वेंशन और बिजनेस मीट में बतौर स्पीकर शामिल
ब्रिटिश संसद के उच्च सदन, हाउस ऑफ लॉर्ड्स में आयोजित इस ग्लोबल कन्वेंशन और बिजनेस मीट में ब्रिटिश सांसदों के अलावा दुनिया भर से आए कॉर्पोरेट लीडर, शिक्षक, ब्यूरोक्रेट और डिप्लोमेट शामिल हुए। वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सोनल गोयल भी बतौर स्पीकर इस सम्मेलन में शामिल हुईं। उन्होंने ‘कॉर्पोरेट गवर्नेंस मीट्स पब्लिक गवर्नेंस: पार्टनरशिप फॉर सोशल इनक्लूजन, इंपैक्ट एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट’ विषय पर अपने विचार रखे।
‘वसुधैव कुटुंबकम्’ से की भाषण की शुरुआत
सोनल ने अपने भाषण की शुरुआत भारतीय संस्कृति के प्रसिद्ध सूत्र ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ से की और बताया कि कैसे भारत सैद्धांतिक रूप से पूरी दुनिया को एक परिवार के रूप में देखता है। उन्होंने कहा कि भारत की यह सोच जलवायु परिवर्तन, आर्थिक असमानता और डिजिटल डिवाइड जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए लिहाज से मायने रखती हैं। सोनल ने भारत की नवीकरणीय ऊर्जा से जुड़ी प्रतिबद्धताओं का उल्लेख करते हुए इंटरनेशनल सोलर एलायंस में भारत की भूमिका और 2030 तक 500 गीगावाट गैर-फॉसिल फ्यूल ऊर्जा के लक्ष्य का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि कैसे भारत के सार्वजनिक और निजी क्षेत्र दोनों मिलकर इन लक्ष्यों को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।