शनि की शान्ति के लिए उपाय- शनि देव यदि जन्म कुण्डली में अशुभ फल दे रहे हों तो निम्न उपायों से शुभ लाभ लिया जा सकता है.
वैदिक मंत्र- ॐ शन्नो देवी रभिष्टय आपो भवन्तु पीतये. शंय्यो रभिस्त्रवन्तु नः.
पौराणिक मंत्र- ॐ नीलाजंन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्. छाया मार्तण्ड सम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्..
तंत्रोक्त मंत्र- ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः.
जप संख्या– 23000
शनि गायत्री- ॐ भग्भवाय विद्महे मृत्युरुपाय धीमहि, तन्नो सौरी:प्रचोदयात.
दान की वस्तुएं- लोहा, तिल, उड़द, सरसों का तेल, काला वस्त्र, काली गाय, कुल्थी, लौह निर्मित पात्र, जूता, भैंस, कस्तूरी, सुवर्ण, नारियल, काले अथवा नीले पुष्प.
रत्न- शनि के शुभत्व में वृद्धि हेतु नीलम रत्न धारण किया जाता है.
अन्य उपाय- शनिवार का व्रत रखना चाहिए. शिव स्तोत्र व शनि स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. शनि यंत्र धारण करना चाहिए. हनुमान जी की उपासना से भी लाभ होता है. पक्षियों व मछलियों को आटा डालना व मांसादि का परहेज करना चाहिए.