अनुपम मिश्रा ने रिचार्ज और डिस्चार्ज में भयंकर असंतुलन होने की बात करते हुए कहा कि नब्बे के दशक तक सेंट्रीफ्यूगल पंप का उपयोग होता था, जबकि आज समर्सिबल पंप का प्रयोग आम हो गया है।
- Published by- @MrAnshulGaurav
- Tuesday, March 22, 2022
लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश कार्यालय पर ‘विश्व जल दिवस’ के अवसर पर, जल संरक्षण के संबंध में टीम आर॰एल॰डी॰के संयोजक अनुपम मिश्रा ने एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें सभी वक्ताओं ने अपने-अपने विचार रखे।
इस मौक़े पर अनुपम मिश्रा ने कहा कि विश्व के कुल भूभाग का 2.4% क्षेत्रफल ही भारत के पास है। उस पर विश्व की लगभग 18% जनसंख्या का दबाव है। हमारे पास विश्व में उपलब्ध जल संसाधनों का सिर्फ 4% ही है और पूरे विश्व द्वारा की जाने वाली जल खपत का 25% अकेले भारत करता है।
आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह से पेयजल का दोहन किया जा रहा है वह दिन दूर नहीं जब अगला विश्वयुद्ध पीने के पानी को लेकर लड़ा जाएगा। इसलिए आज आवश्यकता है कि हम जल संरक्षण की दिशा में लोगों को जागरूक करें और सरकारों पर दबाव बनाएं कि वह इस संबंध में एक ठोस बाध्यकारी नीति को यथाशीघ्र लागू करें।
शहरों में बनने वाले नवीन व पुराने मकानों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग को अनिवार्य किया जाए।
अनुपम मिश्रा ने रिचार्ज और डिस्चार्ज में भयंकर असंतुलन होने की बात करते हुए कहा कि नब्बे के दशक तक सेंट्रीफ्यूगल पंप का उपयोग होता था, जबकि आज समर्सिबल पंप का प्रयोग आम हो गया है। यही कारण है कि देश के कई हिस्से आज ‘डार्क ज़ोन’ के अंतर्गत चले गए हैं।
देश के 726 जिलों में से 256 जिलों के 1592 ब्लॉक जल के अभाव में जूझ रहे हैं। अगर यही हाल रहा तो 2025 तक60% ब्लॉक डार्क ज़ोन में होंगे। इस अवसर पर पार्टी के कई वरिष्ठ नेता उपस्थित थे जिन्होंने अपने अपने विचार रखें।
पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष वसीम हैदर, प्रदेश प्रवक्ता एस. एन. त्रिवेदी, प्रो यज्ञदत्त शुक्ला, पूर्व छात्र अध्यक्ष अभिषेक सिंह, सुरेश श्रीवास्तव, यज्ञेंदु पांडेय, मनीष मिश्र, ,पीयूष श्रीवास्तव,सुमित जयसवाल, प्रमोद शुक्ला आदि नेताओ ने सहभागिता की।