देशव्यापी लॉक डाउन के मद्देनजर भारत की मेनुफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ मार्च में चार महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई है. एक निजी सर्वे में यह बात सामने आयी है. डेटा एनालिटिक्स फर्म IHS मार्किट के अनुसार भारत का मेनुफैक्चरिंग परचेचिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) मार्च में 54.5 से घटकर मार्च में 51.8 रह गया है. IHS मार्किट ने अपने सर्वे में लगभग 400 निर्माताओं के लिए न्यू ऑर्डर, आउटपुट, जॉब्स, सप्लायर्स, डिलीवरी टाइम और खरीद के स्टॉक का अध्ययन किया.
एक रिपोर्ट के अनुसार IHS के अर्थशास्त्री इलियट केर ने कहा कि भारतीय निर्माताओं के लिए परेशानी के सबसे कारण एक्सपोर्ट आर्डर में आयी कमी है. जानकारों ने पहले भी कहा है कि कोरोना वायरस महामारी भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर की असर पड़ने की संभावना है. अन्य संकेतकों ने भी भारत की अर्थव्यवस्था पर COVID -19 के असर को उजागर किया है.
मार्च में भारत का वस्तु और सेवा कर संग्रह 1 लाख करोड़ के आंकड़े से से नीचे गिर गया, जो 97,597 करोड़ रहा, जबकि इस महीने के लिए 1.25 लाख करोड़ का लक्ष्य रखा गया था. कुल 97,597 करोड़ में से, सेंट्रल जीएसटी 18 19,183 करोड़, स्टेट जीएसटी, 25,601 करोड़, इंटरग्रटेड जीएसटी, 44,508 करोड़ रहा.
भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड की घरेलू वाहन बिक्री मार्च में देशभर में लॉकडाउन के कारण 48 फीसदी की गिरावट आई है. कंपनी ने एक साल पहले बेची गई 147,613 यूनिट के मुकाबले घरेलू बाजार में 76,976 यूनिट बेचीं हैं.