केंद्र और उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार चौधरी चरण सिंह के विचारों को क्रियान्वित कर रही है। पिछली सरकार में किसान सरकारों की प्राथमिकता से बाहर था, लेकिन आज वह राजनीति के एजेंडे में शामिल है। किसानों के उत्थान के लिए, उनकी आय में दोगुना वृद्धि के लिए लगातार कदम उठाए गए हैं। किसान सम्मान निधि, न्यूनतम समर्थन मूल्य में सर्वाधिक वृद्धि,सिंचाई परियोजना की पूर्णता, यूरिया की उपलब्धता आदि अनेक कार्य किए गए हैं। चौधरी चरण सिंह की जयंती आज योगी आदित्यनाथ ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उन्होने किसान दिवस पर ट्रैक्टर रैली को रवाना किया। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अन्तर्गत प्रदेश के दो करोड़ बयालीस लाख किसानों को लाभान्वित किया गया है।
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इसके लिए राज्य को भारत सरकार से प्रथम पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है। सरकार ने यूरिया की कालाबाजारी रोकी। नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन शुरू किया गया। सरकार ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह किया। इसी के साथ प्राकृतिक कृषि को प्रोत्साहित करने का अभियान भी शुरू किया गया। बड़ी संख्या में किसान अब प्राकृतिक कृषि के प्रति आकर्षित हो रहे है। मोदी सरकार किसानों की आय दो गुनी करने की दिशा में कार्य कर रही है। इसमें जैविक कृषि भी उपयोगी साबित हो रही है। विगत सात वर्षों के दौरान किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में अनेक कदम उठाए गए है। प्राकृतिक कृषि से देश के अस्सी प्रतिशत किसानों को सर्वाधिक लाभ होगा। इनमें दो हेक्टेयर से कम भूमि वाले छोटे किसान हैं।
केमिकल फर्टिलाइजर से इन किसानों की कृषि लागत बहुत बढ़ जाती है। प्राकृतिक खेती से इनकी आय बढ़ेगी। केमिकल के बिना भी बेहतर फसल प्राप्त की जा सकती है। पहले केमिकल नहीं होते थे, लेकिन फसल अच्छी होती थी। विगत सात वर्षों में बढ़िया बीज कृषि उत्पाद हेतु बाजार के प्रबंध किए गए। मृदा परीक्षण, किसान सम्मान निधि, डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य, सिंचाई के सशक्त नेटवर्क, किसान रेल जैसे अनेक कदम उठाए गए है। आठ करोड़ परिवारों की आजीविका पशुधन से चलती है। इनकी मेहनत से भारत हर साल लगभग साढ़े आठ लाख करोड़ रुपये का दूध उत्पादन करता है।
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यह धनराशि भारत में गेहूं और धान की कीमत से अधिक है। इसलिए डेयरी सेक्टर को मजबूत करना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है. सरकार ने दो करोड़ इकसठ लाख शौचालय बनाकर तैयार किए जिसका लाभ दस करोड़ लोगों को मिला है। जिला मुख्यालयों में दस घंटे बिजली और तहसील मुख्यालय पर बाइस घंटे बिजली की सुविधा दी जा रही है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में अठारह घंटे बिजली पहुंचाने का काम सरकार कर रही है।