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किसान कल्याण की योजनाओं पर अमल

राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल किसानों की आय दोगुनी करने के संबन्ध में जागरूकता पर जोर देती है। इसके लिए वह सरकार द्वारा लागू योजनाओं का लाभ उठाने के साथ ही जैविक कृषि पर अमल के लिए भी प्रेरित करती है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने किसानों को उनकी मेहनत का उचित लाभ दिलाने के लिये अनेक योजनाएं बनायी है ओर उनका अमलीकरण भी हो रहा है।

उन्होंने कृषि विश्वविद्यालयों से अपील की कि हर योजना को किसानों तक पहुंचाने में उन्हें मदद करनी होगी। इससे कृषि विकास के साथ-साथ हमारे ग्रामीण क्षेत्र की समृद्धि के द्वारा भी खुलेंगे। साथ ही वहां स्थानीय रोजगार के अवसर भी विकसित होंगे। जो किसान आर्गनिक खेती के उत्पाद तैयार करते हैं उन्हें मण्डी में उचित स्थान दिया जाये, जिससे कि किसान अपना उत्पाद अधिक से अधिक ग्राहकों को बेच सकें और अधिक से अधिक लोग आर्गनिक खेती के उत्पाद खरीद सकें और उनका इस्तेमाल कर सकें। आग्रेनिक खेती को बढ़ावा दिया जाये।

इसके लिए सरकार द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। आर्गनिक उत्पाद का कृषि विश्वविद्यालय और कृषि विज्ञान केन्द्र सर्टिफिकेशन भी करें। राज्यपाल जी ने कहा कि किसान धान,गेंहू, सरसों की फसल के साथ-साथ फल और सब्जी की खेती पर भी ध्यान दें। आनंदीबेन पटेल ने राजभवन लखनऊ से चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कानपुर से सम्बद्ध कृषि विज्ञान केन्द्र,लखीमपुर, फिरोजाबाद के प्रशासनिक भवन तथा दलीप नगर,कानपुर देहात के कृषक प्रशिक्षण सभागार का आनलाइन लोकार्पण किया।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इनके आरम्भ हो जाने से यहां के वैज्ञानिक प्रशिक्षण तथा तकनीकी हस्तांतरण संबंधी कार्य सुगमतापूर्वक कर सकेंगे,जिसका लाभ जनपद के किसानों को मिलेगा। कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से हमारे नवयुवक व युवतियां प्रशिक्षण प्राप्त कर नये स्वरोजगार का सृजन कर गांव स्तर पर उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम उपयोग कर रोजगार के अवसर भी पैदा करेंगे। राज्यपाल ने कृषि विज्ञान केन्द्रों में तैनात कृषि विशेषज्ञों को निर्देश दिये कि वे नवीनतम शोधों के आधार पर कृषि प्रदर्शन अपने कृषि क्षेत्र में करें तथा उसमें किसान की सहभागिता भी करें ताकि कृषक नवीनतम कृषि शोधों तथा तकनीक से परिचित होकर अपने खेतों में उसका सदुपयोग कर अपनी आमदनी बढ़ा सकेंगे।

उन्होंने कहा कि आज देश में अनाज का रिकार्ड उत्पादन हो रहा है। बढ़ते औद्यौगिकीकरण के कारण जमीन घटी है। लेकिन देश के किसानों के परिश्रम तथा नवीनतम शोधों से प्राप्त उन्नत किस्म के बीजों, खेती के उपकरणों तथा खेती की आधुनिक तकनीक से देश में अनाज का रिकार्ड उत्पादन हुआ है।

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