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हडिडयों को मजबूत बनाने के साथ साथ इन बिमारियों से निजात दिलाता है देसी घी, जाने इसके फायदे

दिल्ली के रहने वाले एस राहुल के परिवार के सभी मेम्बर अपनी स्वास्थ्य को लेकर बेहद सचेत हैं  शायद यही वजह है कि खाना पकाने के मुद्दे में इस परिवार में अन्य किसी भी किस्म के ऑयल की तुलना में जैतून के ऑयल या Olive oil को पहली अहमियत दी जाती थी. हालांकि तीन वर्ष पहले इस परिवार ने Olive oil की स्थान देसी घी को अपनाना प्रारम्भ कर दिया, क्योंकि कथित तौर पर इसके कई स्वास्थ्य फायदा हैं. एस राहुल का परिवार ही केवल ऐसा नहीं है, बल्कि आज के जमाने में कई ऐसे आधुनिक परिवार हैं जो खाना पकाने की इस पुरानी शैली को अपना रहे हैं. यहां तक कि चिकित्सक  न्यूट्रीशियनिस्ट भी इस बात से सहमत हैं कि अगर समुचित मात्रा में देसी घी का सेवन किया जाए तो यह हड्डियों  रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है.

हडिडयों को मजबूत बनाता है घी (Ghee makes bones strong)
चीफ क्लीनिकल न्यूट्रीशियनिस्ट प्रियंका रोहतगी ने बताया कि भारतीय समाज में देसी घी को बेस्ट इम्युनिटी बूस्टर में से एक माना जाता है. यह हमारी आंखों, पाचन तंत्र के लिए लाभदायक है  यहां तक कि यह bones को भी मजबूत बनाता है. देसी घी से स्किन  बाल भी अच्छे होते हैं.
अच्छा एंटीबायोटिक है Desi ghee
उन्होंने यह भी कहा-यह एक बेहतरीन एंटीबायोटिक है जो सर्दी-खांसी के दौरान मददगार है. इसका उपयोग घावों को भरने के लिए भी किया जाता है. प्रेग्नेंसी के दौरान देसी घी मां  बच्चे दोनों को पोषण प्रदान करता है, क्योंकि उन्हें इसकी ज्यादा आवश्यकता रहती है.
पहले खाते थे Olive oil
राहुल ने दावा किया, हम पहले जैतून के ऑयल (Olive oil) पर निर्भर थे, लेकिन अब हम Desi ghee पर आ गए हैं, क्योंकि ये आपकी जेब पर भी भारी नहीं पड़ता है  इसके एंटी-इनफ्लैमेटरी तत्व स्वास्थ्य के लिए भी अच्छे हैं.
Weight loss में मददगार
उन्होंने आगे कहा, देसी घी का उपयोग करने के बाद हमने देखा कि इसने सोरायसिस के लक्षणों को भी मिटा दिया है. वजन घटाने में भी हमारी मदद की है  मेरे माता-पिता ने भी अब जोड़ों के दर्द के बारे में शिकायत करना बंद कर दिया है.
1.2 चम्मच रोज सेवन करते हैं Desi Ghee
देसी घी में कॉन्जुगेटेड लिनोलेइक एसिड  ब्यूटिरिक भी पाया जाती है. एक सामान्य वयस्क रोजाना 1-2 चम्मच घी का सेवन कर सकता है. आदमी की दैनिक दिनचर्या के आधार पर भी इसकी मात्रा में थोड़ा-बहुत परिवर्तन किया जा सकता है. विशेषज्ञों का यह भी बोलना है कि लंबे समय तक इसकी अधिक मात्रा में सेवन करने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर में वृद्धि होती है, जिसके कई नुकसान हैं.

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