भुवनेश्वर। ओडिशा में ‘प्लेज फॉर लाइफ-टोबैको फ्री यूथ ’अभियान के तहत लोगों को तंबाकू से दूर रहने को प्रोत्साहित करने के लिए ‘राष्ट्रीय सेवा योजना’ (एनएसएस) के स्वयंसेवकों की मदद ली जा रही है। संबंध हेल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ) और अलमेलु चैरिटेबल फाउंडेशन (टाटा ट्रस्ट द्वारा समर्थित) के सहयोग से एनएसएस के ओडिशा क्षेत्रीय निदेशालय ने उत्कल विश्वविद्यालय में इस संबंध में पहली कार्यशाला आयोजित की।
गौरतलब है कि एक रिपोर्ट के अनुसार, ओडिशा में हर दूसरा पुरुष और हर तीसरी महिला तंबाकू का सेवन करती है। इस अवसर पर कार्यशाला में भुवनेश्वर और खोरदा से उत्कल विश्वविद्यालय के 70 एनएसएस इकाइयों के कार्यक्रम अधिकारियों और स्वयंसेवकों ने भाग लिया। एनएसएस कार्यक्रम अधिकारियों और स्वयंसेवकों ने खुद को तंबाकू से दूर रहने और दूसरों को भी इस घातक लत से दूर रहने के लिए प्रोत्साहित करने का संकल्प लिया। ओडिशा में लगभग 2000 एनएसएस इकाइयां और एक लाख स्वयंसेवक हैं।
इस मौके पर उत्कल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.सौमेंद्र मोहन पटनायक ने कहा, “यह हमारी युवा पीढ़ी को तंबाकू के खतरे से बचाने के सामाजिक कारण की एक बेहतरीन पहल है। युवाओं को तंबाकू विरोधी गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए और ये प्रयास समाज को एक सकारात्मक सामाजिक व्यवहार परिवर्तन की ओर ले जाएंगे। यदि तंबाकू या ऐसी कोई नशीला पदार्थ सेवन के लिए दिया जाता है तो छात्रों को तंबाकू और अन्य नशीले पदार्थों को श्नश् कहने में गर्व होना चाहिए।
कैंसर सर्जन और वॉयस ऑफ टोबैको विक्टिम्स (वीओटीवी) के संरक्षक डॉ. दिलीप कर ने कहा, “अब कैंसर का पता कम उम्र में ही चल जा रहा है और इसका एक कारण तंबाकू उत्पादों का व्यापक सेवन है। यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन में तम्बाकू के उपयोग की शुरुआत करता है, तो वह जीवन भर इसे नहीं छोड़ पाता। चूंकि भारत में तंबाकू के सेवन को छोड़ने की दर बहुत कम है, इसलिए युवाओं के बीच तंबाकू की शुरुआत की लत को कम करने के लिए अधिक से अधिक प्रयास किए जाने चाहिए। इसके लिए रोकथाम इलाज से बेहतर है।
गौरतलब है कि ‘प्लेज फॉर लाइफ- टोबैको फ्री यूथ’ अभियान माननीय राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा प्रेरित है। इसे केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्रालय का सर्मथन प्राप्त है। यह अभियान युवाओं को तंबाकू सेवन करने से रोकने और दूसरों तंबाकू सेवन करने से हतोत्साहित करने के निवारक रणनीतियों पर केंद्रित है। अभियान वर्तमान में असम, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और दिल्ली में चलाया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (जीएटीएस 2017) के मुताबिक 15 से अधिक आयु वर्ग के 1.53 करोड़ लोग ओडिशा में तंबाकू का उपयोग करते हैं। इनमें से 1.43 करोड़ लोग चबाने वाले तंबाकू का उपयोग करते हैं। हर दूसरा पुरुष और ओडिशा में हर तीसरी महिला तंबाकू का सेवन करती है। तंबाकू से होने वाली बीमारियों के कारण हर साल 46,000 से अधिक लेाग मर जाते हैं। इसके साथ ही हर दिन 200 से अधिक बच्चे को तम्बाकू की लत की शुरुआत करते हैं।