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आज के समय में मेन्टल हेल्थ बना हुआ है गंभीर विषय

आज के समय में मेन्टल हेल्थ एक गंभीर विषय बना हुआ हैअपेक्षा से अधिक कार्य  तनाव के कारण मेंटल हेल्‍थ प्रभावित हो रही है. अगर आप तनाव, अवसाद या एंग्‍जायटी से बचने के लिए दवा खा रहे हैं, तो सावधान हो जाएं, यह कई तरह से आपकी स्वास्थ्य को प्रभावित करती है. लंबे समय तक इस तरह की दवाओं का सेवन करने से न केवल आपकी ब्रेन हेल्‍थ प्रभावित होती है, बल्कि आपकी सेक्‍स लाइफभी बेकार हो सकती है.

ध्यान देने वाली बात है कितनाव का कुछ स्‍तरहमारी परफॉर्मेंस के लिए लाभकारी होता है. पर तनाव का यही स्‍तर जब अपेक्षा से अधिक बढ़ जाता है तो यह हमारी रूटीन जीवन को प्रभावित करने लगता है. इस कार्य करने की क्षमता भी प्रभावित होती है. इससे ग्रस्‍त व्‍यक्ति में मूड स्विंग इतने ज्‍यादा होने लगते हैं कि उसे खुद पता नहीं चलता कि वह कब खुश हो जाएगा  कब उदास हो जाएगा. ऐसी स्थिति में डॉक्‍टर काउंसलर  एंटी डिप्रेशन दवाओं की सलाह देते हैं. ये दवाएं मूड को तो बहुत हद तक काबू कर लेती हैं, पर स्वास्थ्य पर इसके कई साइड इफैक्‍ट होते हैं.

इन दवाओं का उपयोग से कई साइड इफेक्ट्स हैजब आप मू‍ड स्विंग से बचने के लिए एंटी स्‍ट्रेस दवाओं को लंबे समय तक लेते हैं, तब आपका मूड इन्‍हीं दवाओं पर निर्भर रहने लगता है. दवा लेने से मस्तिष्‍क में एंटी स्‍ट्रेस हॉर्मोन रिलीज होते हैं. जिससे आप खुश अनुभव करते हैं. पर फि‍र आपके दिमाग की संरचना इस तरह की बन जाती है कि आप बिना दवा के खुश नहीं रह पाते. इसके साथ हीकुछ लोगों को एंटी स्‍ट्रेस या एंटी डिप्रेशन दवा लेने के कारणब्‍लड प्रेशरलो होने की शिकायत होने लगती है. ये दवाएं आपको कूल करने की प्रयास करती हैं. ताकि आप बिना तनाव के अपना दिन बिता सकें. पर इसका नकारात्‍मक प्रभाव ब्‍लड प्रेशर पर पड़ता है. यह कभी-कभी इतना ज्‍यादा लो रहने लगता है कि आपको इसके लिए अलग से दवा लेनी पड़ती है.

ये दवाइया लगातार सेवन से स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता हैस्‍ट्रेस हॉर्मोन केवल आपको तनाव ही नहीं देता, बल्कि बेहतर कार्य करने के लिए एनर्जी  प्रेरणा भी देता है. जब आप मस्तिष्‍क को दवाओं के माध्‍यम से तनाव मुक्‍त करने की प्रयास करते हैं, तब आपका आत्‍मविश्‍वास का स्‍तर भी गिरने लगता है. इसलिए डॉक्‍टर इन दवाओं पर लंबे समय तक निर्भर न रहने की सलाह देते हैं. साथ हीएंटी स्‍ट्रेस  एंडी डिप्रेशनदवाओं को लेने से अधिकतर लोगों की सेक्‍स जीवन प्रभावित होती है. यह सेक्‍स हॉर्मोन की बनने की प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं. जबकि कुछ लोगों को सेक्‍स डिजायर भी इससे प्रभावित होती है. स्त्रियों में इन दवाओं के सेवने से लो लिबिडो देखने में आया है.

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