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सर्दी में बच्चों को जुकाम के बाद इस वजह से कान में होता है दर्द

इंफेक्शन से मवाद बन जाती है. इससे कान के पर्दे पर दबाव पड़ने लगता है. बच्चे को बुखार भी आ सकता है. इसको एक्यूट ओटाइटिस मीडिया कहते हैं.


यूस्टेकियन ट्यूब में रुकावट
कान की एक नली नाक के पिछले और गले के ऊपरी हिस्से से जुड़ी होती है. इसीलिए साइनस  टॉन्सिल होने पर कान में दर्द  सूजन होती है. यह यूस्टेकियन ट्यूब है. सूजन से यह ट्यूब बंद हो जाती है. कान में मवाद भरने से पर्दे को नुकसान पहुंचता है. मवाद कान के मध्य से गले के पीछे उपस्थित यूस्टेकियन ट्यूब तक भर जाती है. तेज दर्द होता है.
ऐसे करते हैं इलाज
एसी परेशानी होने के बाद तुरंत डॉक्टर की सलाह से लेना चाहिए क्योंकि ज्यादा दबाव बढऩे से कान का परदा फट सकता है. कान बहने लगता है. दो सप्ताह से अधिक इंफेक्शन रहता है तो उसे क्रॉनिक इंफेक्शन कहते हैं. यदि दवाएं लेने के दो हफ्ते तक आराम नहीं मिलता तो परदे में छेद कर मवाद निकालते हैं. इसके बाद कान में पानी जाने जुकाम से बचाव करना होता है.
बच्चे के कान में न डालें कोई भी लिक्विड
अक्सर जब बच्चों के कान में दर्द होता है तो घरवाले कोई ऑयल या लिक्विड डाल देते हैं. ऐसा करने से बचें. कई बार इससे राहत मिलने की बजाय नुकसान उठाना पड़ सकता है. अगर यह समस्या रात के समय या ऐसे समय पर हो जब आप डॉक्टर को नहीं दिखा सकते हैं तो किसी विशेषज्ञ की सलाह से बच्चे को पैरासिटामोल दे सकते हैं. इसकी खुराक बच्चे की आयु के अनुसार नहीं बल्कि उसके वजन के अनुसार दें. फिर तुरंत चिकित्सक को दिखाएं.

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