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‘शोध पत्र कैसे लिखें’ विषय पर चार दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम का शुभारंभ

लखनऊ। भारतीय शिक्षा शोध संस्थान, (Indian Institute of Education Research) सरस्वती कुंज, निराला नगर, लखनऊ तथा डॉ शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय (SMNRU) के संयुक्त तत्वावधान में ‘शोध पत्र कैसे लिखें। (How To Write Research Paper) विषय पर चार दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम (Orientation Program) का शुभारंभ हुआ। यह कार्यक्रम 20 मई तक चलेगा। उद्घाटन सत्र का संचालन निधि सिंह ने किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ वंदना और दीप प्रज्वलन से हुआ। इसके उपरांत अतिथियों का स्वागत एवं परिचय डॉ पीके खत्री द्वारा प्रस्तुत किया गया। प्रतिभागियों ने भी अपना संक्षिप्त परिचय स्वयं दिया। कार्यक्रम के समन्वयक डॉ सुभाष कुमार एवं डॉ विजय शंकर शर्मा ने स्वागत वक्तव्य दिया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रो एसके द्विवेदी ने उद्घाटन भाषण में शोध की मूल अवधारणाओं, शोध पत्र के उद्देश्यों, तथा प्रकाशन प्रक्रिया में गुणवत्ता बनाए रखने की महत्ता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि शोध केवल अकादमिक अभ्यास नहीं है बल्कि समाज की समस्याओं का समाधान खोजने का एक सशक्त माध्यम है।

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चार दिवसीय इस उन्मुखीकरण कार्यक्रम में विभिन्न सत्रों में शोध लेखन के विविध पहलुओं पर चर्चा हो रही है। प्रथम दिन 17 मई को ‘शोध लेखन के विभिन्न रूप’ और ‘लेख, आलेख व शोध पत्र: विभिन्न प्रयोजन’ विषयों पर व्याख्यान दिए गए। आगामी सत्रों में शोध पत्र के विभिन्न अंग, शोध पत्रिकाएँ, सार लेखन, नैतिक मुद्दे तथा मूल्यांकन प्रक्रिया पर विशेषज्ञों द्वारा संवाद होगा।

‘शोध पत्र कैसे लिखें’ विषयक कार्यक्रम शोध लेखन की बारीकियों को समझने का एक उत्कृष्ट अवसर है, जहाँ प्रतिभागी न केवल सैद्धांतिक ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं, बल्कि व्यावहारिक प्रशिक्षण भी ले रहे हैं। इस प्रकार के आयोजन शोध की गुणवत्ता, लेखन शैली और प्रकाशन प्रक्रिया को बेहतर बनाने में सहायक सिद्ध होंगे।

इस कार्यक्रम में सामाजिक विज्ञानों के प्राध्यापक, जूनियर व सीनियर रिसर्च फेलो, शोधार्थी, एवं विद्या भारती के शिक्षकों ने भाग लिया है। प्रतिभागियों ने कहा कि उन्हें इस तरह का व्यावहारिक प्रशिक्षण पहले नहीं मिला और यह कार्यक्रम उनके शोध लेखन कौशल को निश्चित रूप से परिष्कृत करेगा।

उल्लेखनीय है कि भारतीय शिक्षा शोध संस्थान शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता उन्नयन के लिए निरंतर कार्यरत है। संस्थान द्वारा समय-समय पर इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन कर शिक्षाविदों, शोधार्थियों एवं शिक्षकों को नई शैक्षणिक प्रवृत्तियों से जोड़ने का प्रयास किया जाता है। इस बार डॉ शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय की सहभागिता से कार्यक्रम की व्यापकता और प्रभावशीलता और अधिक बढ़ी है।

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