India और रूस हमेशा एक दूसरे के हिमायती रहे हैं। रूस में हुए राष्ट्रपति के चुनावों में पुतिन फिर से छह साल के लिए राष्ट्रपति चुने गए। जिससे भारत और रूस की नजदीकियां और उसकी सोच और अधिक मजबूत हुई हैं।
- पिछले दिनों पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन को जीत की बधाई संदेश देते हुए एक दूसरे के मैत्री संबंधों को और अधिक मजबूत बनाये रखने के संकेत दिये थे।
India, चीन बदल रहा अपनी नीतियां
चीन की सोच पहले से बदल रही है। चीन अपनी परिस्थितियों को लेकर काफी बदलाव कर रहा है। जिससे भारत और चीन में पिछले दिनों में जहां एक दूसरे के प्रति डोकलाम को लेकर खटास पैदा हुई थी।
- वह अब धीरे धीरे वार्ता के माध्यम से शांत होकर अब शांति माहौल में बदल गई है।
- दोनों देशों का अपने क्षेत्रों में शांति के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान देना जरूरी है।
रूस ने हमेशा भारत का किया समर्थन
वैश्विक स्तर पर एवं क्षेत्रीय शांति व स्थिरता के लिए रूस ने हमेशा भारत का समर्थन किया है। रूस ने कश्मीर मामले को लेकर हमेशा भारत के पक्ष में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुसार शांतिपूर्ण वार्ता एवं समाधान के प्रयास पर जोर दिया।
- यही नहीं रूस ने कश्मीर मसले पर यहां तक कहा है कि वह भारत का हिस्सा है।
ओबीओआर में भारत की सहमति जरूरी
वन बेल्ट वन रोड पर चीन के कदम पर भारत की सहमति का होना जरूरी है। इसके लिए रूस का भी मानना है कि जो क्षेत्र भारत से जुड़ा है वहां पर सार्वजनिक रूप से दोनों देशों की एकराय पर ही निर्णय लिया जाना उचित है।
- दक्षिण एशिया और हिंद महासागर में भारत का परंपरागत तौर पर हमेशा से प्रभुत्व रहा है।