स्थानीय विनिर्माण पर जोर के कारण देश का स्मार्टफोन बाजार 2025 तक 50 अरब डॉलर (4.29 लाख करोड़ रुपये) के पार पहुंच जाएगा। काउंटरपॉइंट की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के स्मार्टफोन बाजार का खुदरा औसत बिक्री कीमत (एएसपी) इस साल पहली बार 300 डॉलर यानी 25,700 रुपये के पार पहुंचने की उम्मीद है।
एक नजर रिपोर्ट पर
रिपोर्ट में कहा गया है कि एपल और सैमसंग प्रीमियम और अल्ट्रा-प्रीमियम सेगमेंट में प्रतिस्पर्धी विकल्प पेश कर इस बदलाव का नेतृत्व कर रहे हैं। 2021 में भारतीय स्मार्टफोन बाजार 37.9 अरब डॉलर (लगभग 3.25 लाख करोड़ रुपये) होने का अनुमान लगाया गया था। एपल इंडिया की आय वित्त वर्ष 2024 में मोबाइल फोन से 67,121 करोड़ रुपये थी। सैमसंग ने 71,157 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया है।
वीवो, ओपो और वनप्लस जैसे चीनी ब्रांड किफायती प्रीमियम श्रेणी में 30,000-45,000 रुपये के बीच बेहतर कैमरा सिस्टम आदि की पेशकश करके ग्राहकों को आकर्षित कर रहे हैं। इस बीच, वनप्लस डिस्प्ले और मदरबोर्ड से संबंधित भारतीय खुदरा विक्रेताओं की चिंताओं को दूर करके वापसी कर रहा है। कंपनी ने 6,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
30,000 रुपये वाले फोन की हिस्सेदारी 20 फीसदी
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रीमियम सेगमेंट (30,000 रुपये से ऊपर) के स्मार्टफोन की हिस्सेदारी 2025 तक 20 प्रतिशत से ज्यादा होने का अनुमान है। प्रीमियमीकरण की ओर बदलाव ग्राहकों द्वारा ऑफ़लाइन स्टोरों को चुनने के कारण भी हो रहा है, जहां वे खरीदारी करने से पहले प्रीमियम स्मार्टफोन का प्रत्यक्ष अनुभव ले सकते हैं।