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चांदी के आभूषणों की हॉलमार्किंग अनिवार्य करने पर विचार कर रही सरकार, BIS को मिला यह काम

खाद्य व उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोमवार को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) से उपभोक्ताओं की मांग को देखते हुए चांदी और चांदी से बनी कलाकृतियों के लिए अनिवार्य हॉलमार्किंग लागू करने पर विचार करने को कहा। जोशी ने 78वें बीआईएस स्थापना दिवस समारोह में कहा, “उपभोक्ताओं की ओर से चांदी की अनिवार्य हॉलमार्किंग की मांग की जा रही है। आप (बीआईएस) इस पर विचार-विमर्श कर निर्णय ले सकते हैं।”

मंत्री ने कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं को बताया कि इस दिशा में काम शुरू हो चुका है और सरकार हितधारकों के साथ विचार-विमर्श और बीआईएस की ओर से व्यवहार्यता आकलन पूरा होने के बाद निर्णय लेगी।

उन्होंने कहा, “मैंने बीआईएस से व्यवहार्यता पर काम करने और उपभोक्ताओं व आभूषण डीलरों से प्रतिक्रिया लेने को कहा है। हम सभी हितधारकों से परामर्श करेंगे और प्रक्रिया शुरू करेंगे।” चांदी की हॉलमार्किंग, जो सफेद धातु की शुद्धता को प्रमाणित करती है, वर्तमान में स्वैच्छिक है।

बीआईएस के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी के अनुसार ब्यूरो तीन से छह महीने के भीतर अनिवार्य चांदी हॉलमार्किंग लागू करने के लिए तैयार हो सकता है। उन्होंने कहा कि हितधारकों के साथ विचार-विमर्श चल रहा है।

तिवारी ने कहा, “हितधारकों के साथ कई दौर की चर्चा हुई और वे इसके पक्ष में हैं। एक अद्वितीय छह अंकों वाला अल्फान्यूमेरिक कोड छापने पर चर्चा चल रही है।” यह कदम जून 2021 में शुरू की गई सोने की अनिवार्य हॉलमार्किंग के सफल कार्यान्वयन के बाद उठाया गया है, यह अब 361 जिलों में लागू है। मौजूदा प्रणाली में सोने की शुद्धता को प्रमाणित करने के लिए एक अद्वितीय छह-अंकीय अल्फान्यूमेरिक कोड (HUID) का इस्तेमाल किया जाता है।

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