अयोध्या,(जय प्रकाश सिंह)। डा राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय (Dr Ram Manohar Lohia Avadh University) के व्यवसाय प्रबंध एवं उद्यमिता विभाग में डिजिटलाइजेशन एवं बिजनेस इनोवेशन : ए रोड अहेड टू विकसित भारत 2047 (Digitalization and Business Innovation: A Road Ahead to Developed India 2047) पर दो दिनी अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी की शुरुआत हुई। मुख्य अतिथि आरजीएनए विश्वविद्यालय अमेठी के कुलपति प्रो बीएन सिंह (Prof BN Singh) ने कहाकि विकसित भारत के लिए अंतरविषयी दृष्टिकोण विकसित करना होगा।
कहा, सुंदर पिचाई ने मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर से अपनी बैचलर डिग्री अर्जित की, लेकिन उनकी प्रसिद्धि गुगल के लिए हुई। उन्होंने कहाकि ऐसा इको सिस्टम विकसित करना होगा, जिसमें अंतरविषय दृष्टिकोण को बढ़ावा मिल सके। विशिष्ट अतिथि अविवि के पूर्व प्राक्टर प्रो आरएन राय ने कहाकि जितनी बड़ी धरती होगी, उतना बड़ा अपना आसमान भी होगा। इसलिए लक्ष्य पर फोकस करना होगा। अच्छे श्रोता बनेंगे तो अच्छी जानकारी भी मिलेगी।
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इससे पहले विभागाध्यक्ष प्रो हिमांशु शेखर सिंह (Prof Himanshu Shekhar Singh) ने कहाकि विकसित भारत के लक्ष्य को साकार करना है कि विकास की दौड़ को जारी रखना होगा। डिजिटलाइजेशन इसका बड़ा माध्यम बन सकता है। विकास के हर क्षेत्र में भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। प्रो शैलेंद्र कुमार वर्मा (Prof Shailendra Kumar Verma) ने कहाकि भारत को कभी सोने की चिड़िया कहा जाता था। ज्ञान परंपरा, संसाधनों, विज्ञान और सांस्कृतिक विविधताओं से भरे देश की परिस्थितिकीय स्थिति रणनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण रही, लेकिन ऐसा क्या हुआ कि भारत विकास की दौड़ में पिछड़ गया। इस पर विचार करना होगा।
उन्होंने कहाकि फेसबुक और गुगल जैसा भारतीय प्लेटफार्म क्यों नहीं है, इस पर विचार-विमर्श करना चाहिए। प्रो राना रोहित सिंह ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर डा अनुराग तिवारी, डा दीपा सिंह, डा अंशुमान पाठक, महेंद्र पाल, डा राकेश कुमार, डा प्रवीण राय, डा आशीष पटेल, डा रामजीत सिंह यादव, डा अनीता मिश्रा, डा रामजी सिंह आदि उपस्थित रहे।